आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारें में बता रहे है, जो अपनी दौलत के बदौलत अपनी मौत को क़ाबू में रखना चाहता था। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है, ब्रेक डांस के जनक माइकल जैक्सन की जो 150 साल तक जीना चाहता था। किसी सेे हाथ मिलाने से पहले वह दस्ताने पहनता था। यहाँ तक की लोगों के बीच में जाने से पहले भी वह मुंह पर मास्क लगाता था।
12 डॉक्टर्स किए हुए थे नियुक्त
माइकल जैक्सन ने अपनी देख-रेख करने के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टर्स नियुक्त किए हुए थे। जो उसके सर के बाल से लेकर पांव के नाखून तक की जांच प्रतिदिन किया करते थे।
लैबोरेट्री में चेक होता था खाना
यहाँ तक की उसका खाना भी लैबोरेट्री में चेक होने के बाद उसे खिलाया जाता था। स्वयं को व्यायाम करवाने के लिए उसने 15 लोगों को रखा हुआ था।
प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपनी त्वचा को बनवा लिया था गोरा
माइकल जैकसन अश्वेत था, उसने 1987 में प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था। अपने काले मां-बाप और काले दोस्तों को भी उसने छोड़ दिया था। गोरा होने के बाद उसने गोरे मां-बाप को किराए पर लिया और अपने दोस्त भी गोरे बनाए शादी भी गोरी औरतों के साथ की।
नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया। वो डेढ़ सौ साल तक जीने के लक्ष्य को लेकर चल रहा था।
अंगदान करने वाले डोनर भी कर रखे थे तैयार
माइकल जैक्सन हमेशा ऑक्सीजन वाले बेड पर सोता था। उसने अपने लिए अंगदान करने वाले डोनर भी तैयार कर रखे थे। जिन्हें वह खर्चा देता था, ताकि समय आने पर उसे किडनी, फेफड़े, आंखें या किसी भी शरीर के अन्य अंग की जरूरत पड़ने पर वह आकर दे दें। उसको लगता था कि वह अपने पैसे और अपने रसूख की बदौलत मौत को भी चकमा दे सकता है। लेकिन वह गलत साबित हुआ।
सारे शहर के डाक्टर उसके घर पर जमा हो गए
25 जून 2009 को उसके दिल की धड़कन रुकने लगी, उसके घर पर 12 डॉक्टर की मौजूदगी में हालत काबू में नहीं आए, सारे शहर के डाक्टर उसके घर पर जमा हो गए, वह भी उसे नहीं बचा पाए। उसने 25 साल तक डॉक्टर की सलाह के विपरीत, कुछ नहीं खाया। अंत समय में उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी, 50 साल तक आते-आते वह पतन के करीब ही पहुंच गया था और 25 जून 2009 को वह इस दुनिया से चला गया।
उसका इंतजाम धरा का धरा रह गया
अब आप सोचिये जिसने अपने लिए डेढ़ सौ साल तक जीने का इंतजाम कर रखा था। उसका इंतजाम धरा का धरा रह गया। जब उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टर ने बताया कि, उसका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका था। उसका सिर गंजा था, उसकी पसलियां कंधे हड्डियां टूट चुके थे, उसके शरीर पर अनगिनत सुई के निशान थे, प्लास्टिक सर्जरी के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक वाले दर्जनों इंजेक्शन उसे दिन में लेने पड़ते थे।
अंतिम यात्रा को 2.5 अरब लोगो ने लाइव देखा
माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा को 2.5 अरब लोगो ने लाइव देखा था। यह अब तक की सबसे ज़्यादा देखे जाने वाली लाइव ब्रॉडकास्ट हैं। माइकल जैक्सन की मृत्यु के दिन यानी 25 जून 2009 को 3:15 PM पर, Wikipedia, Twitter और AOL’s instant messenger यह सभी क्रैश हो गए थे।
गूगल भी हो गया था क्रैश
उसकी मौत की खबर का पता चलते ही गूगल पर 8 लाख लोगों ने माइकल जैकसन को सर्च किया था। ज्यादा सर्च होने के कारण गूगल पर सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम उस दिन हुआ था और गूगल भी क्रैश हो गया था। उस दिन ढाई घंटे तक गूगल काम नहीं कर पाया था। आप यू कह सकते है कि मौत को चकमा देने की सोचने वाले हमेशा मौत से चकमा खा ही जाते हैं। बनावटी दुनिया के बनावटी लोग कुदरती मौत की बजाय बनावटी मौत ही मरते हैं। धनवान होना गलत नहीं है, बल्कि....... "सिर्फ धनवान होना गलत है" आइए ज़िंदगी को पकड़ें, इससे पहले कि, जिंदगी हमको पकड़ ले।
खुल कर जियो दोस्तों, मौत तो अटल सत्य है, उस को तो आना ही है।