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पाकिस्तान में केवल हिन्दू बनेगे सफ़ाई कर्मचारी और मुस्लिम बनेगे अधिकारी

   भारत में जितने भी सरकारी पदों पर भर्ती की जाती है उसमे आवेदन की मुख्य शर्त सिर्फ यही होती है कि आवेदनकर्ता भारत देश का निवासी हो। भारतीय नौकरियों में किसी भी धर्म एवं जाति का व्यक्ति आवेदन कर सकता है। इस हेतु हमारे देश के संविधान में भी समुचित व्यवस्था की गई है। हिन्दू बाहुल्य भारत देश  अल्पसंख़्यकों के पास भी उतने ही अधिकार है, जितने बहुसंख्यकों के पास है। हिंदुस्तान में धार्मिक रूप से भेदभाव नहीं किया जाता है। लेकिन हमारे ही पड़ोस में मौजूद कट्टरपंथी देश पाकिस्तान में धर्म को लेकर इतनी ज्यादा धार्मिक उन्मादता है, कि यहाँ बहुसंख्यक मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिन्दू, सिंख और ईसाई वर्ग के साथ ना केवल भेदभाव किया जाता है, अपितु कई बार तो अल्पसंख्यक वर्ग की युवतियों का अपहरण, क़त्ल, बलात्कार तक किये जाते है। पाकिस्तान में हिंदुओं से नफरत का नतीजा है कि पाकितान में हिन्दू आबादी आज़ादी के बाद से लगातार घट कर आज समाप्ति के कगार पर पहुँच चुकी है।   
   बता दे कि पाकिस्तान केवल हिंदुओं से नफरत ही नहीं करता, बल्कि वह सभी अल्पसंख्यकों से नफरत करता हैं। यहाँ तक की पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार भी किया जाता है। ऊपर दिया गया विज्ञापन जो आप देख रहे है वह पाकिस्तान में भर्तीयों के लिए दिया गया एक विज्ञापन है। इस विज्ञापन में आप एक बार Sr. No. 3 और 4 को देखें। जब आप पुरुष और महिला वर्ग के लिए "सैनिटरी वर्कर" की नौकरियों को इसमें देखते हैं, तो वे केवल गैर-मुस्लिमो आवेदकों के लिए ही है, मतलब पाकिस्तान में सिर्फ गैरमुस्लिम ही सफाई कर्मचारी के लिए आवेदन करेगा, यानि की उच्च पदों के लिए तो सिर्फ मुस्लिम आवेदन करेंगे और निचले तबके के जो भी पद है, उसमे सिर्फ और सिर्फ गैर मुस्लिमों को यानि अल्पसंख्यक हिन्दुओ को लगाया जाएगा। ताकि उनका वहां भी शोषण किया जा सके। 
  बता दे की यह केवल पाकिस्तान जैसे देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों जिनमे मुख्य रूप से हिंदू, सिख, अहमदी और ईसाई के खिलाफ एक प्रत्यक्ष उत्पीड़न, जातिवाद और कट्टरता का एक रूप है। पाकिस्तान में कई बार सिख और हिंदू जैसे अल्पसंख्यक धर्म की लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और उन्हें जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया जाता है और उसकी जबरदस्ती किसी भी मुस्लिम व्यक्ति से शादी करा दी जाती है।

   पाकिस्तान में हिंदुओं की इतनी दुर्दशा हो चुकी है कि कभी-कभी वे अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों को मार तक देते हैं। 
  पाकिस्तान में हाल ही में स्कूल और मंदिर में एक नाबालिग मुस्लिम छात्र द्वारा ईश निंदा का आरोप लगाने वाले हिंदी प्रिंसिपल पर हमला कर उसके साथ बर्बरता की गई थी।

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