एक मुस्लिम छात्र ने नूपुर शर्मा का समर्थन क्यों किया है?
एक मुस्लिम छात्र साद अशफाक अंसारी ज़ुबानी
भिवंडी/महाराष्ट्र।। कट्टरपंथी अब उन लोगों को भी निशाना बना रहे हैं जो पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी में नूपुर शर्मा के साथ खड़े हैं। यह सब भिवंडी के रहने वाले इंजीनियरिंग के छात्र साद अशफाक अंसारी के साथ हुआ। साद ने इंस्टाग्राम पर नूपुर शर्मा को सपोर्ट करते हुए पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ सवाल उठाए और नूपुर शर्मा को बहादुर महिला बताया। इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ लड़के के घर पहुंच गई और जबरन माफी मांगने पर मजबूर किया, उसे भीड़ ने थप्पड़ भी मारा। उस पर कट्टरपंथी भीड़ ने FIR भी करवाया। आखिरकार उसे महाराष्ट्र की भिवंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
अशफाक ने अपने इंस्टाग्राम पर क्या लिखा
'एक 50 साल का शख्स 6-9 साल की लड़की से शादी कर रहा है, यह साफ तौर पर बाल शोषण है। मुझे नहीं पता कि लोग इसका समर्थन कैसे कर रहे हैं। क्या आप अपनी 6 साल की बेटी को 50 साल के बुजुर्ग को देंगे (सोचिए।)
एक अन्य इंस्टा स्टोरी में अशफाक ने लिखा
मैं किसी धर्म का समर्थन नहीं करता। मुझे सबसे ज्यादा नफरत है कि मैं एक ऐसी दुनिया में रहने से डरता हूं जहां आपको और आपके परिवार को सिर्फ इसलिए मार दिया जाएगा क्योंकि आपने एक ऐसे व्यक्ति के लिए कुछ कहा था जो सालों पहले गुजर गया था।
इंजीनियरिंग के छात्र साद अशफाक ने यह अपील की थी
बड़े हो जाओ यार। ऐसा धर्म छोड़ो जो दुनिया में आतंक फैलाए और इंसान बने। यह बहुत आसान है। मुझे पता है कि यह सब पोस्ट करने के बाद मुझे कितनी नफरत का सामना करना पड़ेगा। मैं गलत समझे जाने के लिए तैयार हूं क्योंकि तुम लोग अभी भी बच्चे हो।
कट्टर भीड़ घर पहुंची
अशफाक के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद 11 जून की रात को एक कट्टर भीड़ उनके घर पहुंची और उन्हें घर से बाहर आने के लिए कहा। लड़के ने किसी तरह भीड़ को समझाने की कोशिश की। उसने घबराते हुए कहा, "मैं चाहता तो अंदर ही रह सकता था। लेकिन मैं आप लोगों से बात करने के लिए बाहर आया हूं।"
घसीटकर मार डालते
इसके बाद एक आदमी ने भीड़ से कहा, "अगर तुम अंदर रहते तो हम तुम्हें घसीटकर मार डालते।" लड़के ने हाथ जोड़कर भीड़ को समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन भीड़ ने नहीं सुनी। अंत में उन्हें जबरन कलमा पढ़ाया गया। जब लड़के ने पढ़ना शुरू किया तो उस आदमी ने थप्पड़ मार दिया और दूसरा धमकाता रहा।
माफी नहीं बल्कि गिरफ्तारी
इसके बाद 12 जून को फिर से मुस्लिम भीड़ अशफाक के घर पहुंची और प्रदर्शन किया। बाद में साद के खिलाफ भिवंडी के निजामपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। कट्टरपंथी भीड़ ने आरोप लगाया कि साद ने पैगंबर पर आपत्ति जताई थी। भीड़ ने कहा कि वह माफी नहीं चाहता, बल्कि गिरफ्तारी चाहता है। प्रदर्शनकारियों में से एक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर ऐसी घटना दोबारा हुई तो कानून अपना काम करेगा और वो लोग अपना काम करेंगे.