बांसवाड़ा/राजस्थान।। बीटीपी में सिर्फ 6 लोग के बयान पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय मईडा का बड़ा बयान सामने आया है। मईड़ा ने बताया है कि बीटीपी में कोई फुट नहीं है, जो लोग बीटीपी से चुनाव जीते ओर बैठ गए गहलोत की लॉबी में जाकर वही अब मिडिया को दे रहे हैं अपने चिकने चुपड़े वक्तव्य। भारतीय ट्रायबल पार्टी बीटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने "जो लोग आज बीटीपी में सिर्फ 6 लोग उन्हें भी तोड लेगे" वाले रामप्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है, कि जो लोग आज मीडीया में जाकर बीटीपी को तोड देने की बात कर रहे हैं। वे पहले अपने गिरेबान में झांके, जनता ने डुंगरपुर में बमुश्किल उन्हें दो सीटो पर जीत का सेहरा बांध उन्हें जीताया तब शायद जनता को यह पता नहीं था की जिनको हम सत्ता के सिंहासन पर विराजमान कर रहे है, वो पलटू निकलेगें। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि "जिस थाली में खाया उसी थाली में छेद कर दिया, यानी की यह एक तरह से नमक हरामी वाला काम हो गया। वे चुनाव जीतने के बाद बीटीपी को भुल जाएंगे और कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की लॉबी में शामिल हो जाएंगे।
मईड़ा ने कहा कि जनजाती क्षेत्र की जनता अब जाग चुकी है, कि कौन सच्चा हितेषी और कौन झुठा है? आज डुंगरपुर के सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते रामप्रकाश डिडोड के अचानक मिडिया में आए बयान के बाद भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने भी रामप्रसाद के बयान पर पलटवार किया है। बतादे कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने कहा कि मिडिया में जो बात आज लोगो तक पहुंची वो बात मिथ्या व भ्रामक है। भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय संरक्षक छोटू भाई वसावा ही है, जो पिछले 60 वर्षो से इस मुल्क के एसटी-एस्सी व औबीसी, मायनोरिटी के संवैधानिक आधिकारों तथा उन पर हो रहे अन्याय व अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करते आ रहे हैं। वह आपने राजनीतिक जीवन में विचारो ओर सिद्धांतों पर हमेशा कायम रहे, कभी अन्य विचारधारियो के साथ उन्होंने समझौता नहीं किया। मईड़ा ने कहा कि वसावा ने गरीबों की लड़ाई लडने के लिए अपना सारा जीवन भारतीय ट्रायबल पार्टी को बना कर इतना मजबूत किला बना दिया की आज भाजपा व कांग्रेस को बीटीपी से डर लगने लगा है। उनके सिद्धांतो व विचारों को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं, वही लोग पार्टी तोडने की और नई पार्टी की बात कर रहे हैं।
मईड़ा ने बताया कि बीटीपी ने राजस्थान सरकार को 17 सुत्रीय मांगों को लेकर समर्थन दिया था, उनमें से एक भी मांग पिछले चार वर्षों के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल बाद भी आज तक पूरी नहीं हो पाई है, इसके लिए वह दोनो विधायक ही जिम्मेदार है। वो चाहते तो अपनी मांगों पर मोहर लगवा सकते थे, लेकिन सत्ता के मोह में पड़कर वह अपनी लालच के कारण गहलोत सरकार की लॉबी में शामिल हो गए। यह राजस्थान के एसटी-एस्सी व औबिसी, मायनोरिटी के लोगों के साथ खिलवाड़ नही तो क्या है? मईडा ने कहा कि अब राजस्थान में भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) अपने स्तर पर संगठन को मजबूत करतें हुए आगामी विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन करेंगी और सीना ठोककर जनता के सहयोग से जीत के भी बताएगी जैसे छात्रसंघ चुनाव में जीत दर्ज की है।