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स्कूल मे विद्धार्थियो ने फिर जडे ताले, चारदिवारी फांदकर स्कूल पहुंचा स्टाफ

 
Nagda Badi School
  बांसवाड़ा/राजस्थान।। कोई सरकार कितनी निर्लज्ज और नीच हो सकती है, इसका अंदाज़ा आप राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों में देख सकते है, विगत कई दिनों से एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सिर्फ अपने एक पसंदीदा टीचर के राजनीतीगत रूप से किये गए स्थानांतरणत से व्यथित है, इस सम्बन्ध में बच्चो द्वारा उचित माध्यम से कई बार सम्बंधित विभाग और अधिकारीयों को लिखित में भी अवगत करवाकर इस स्थानांतरण को रोकने की गुहार लगाई गई है। 
Nagda Badi School
  लेकिन चुकी अधिकारी पूरी तरह से सरकार के इशारों पर नाच रहे है, इस वजह से बच्चो की आवाज़ दबा दी गई। मजबूरन सुनवाई नहीं होने पर अब बच्चों को कानून अपने हाथ में लेने पर मज़बूर होना पड़ रहा है। जी हां राजस्थान के बांसवाडा जिले की कुशलगढ पंचायत समिति क्षेत्र के राउमावी नागदा बडी मे छात्र छात्राओ ने प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया के स्थानांतरण के विरोध मे शुक्रवार को एक बार फिर से मेन गेट पर तालाबंदी कर नारेबाजी शुरु कर दी। 
Nagda Badi School
  नारेबाजी करते छात्र छात्राओ ने कहा कि हम हमारा हख मांगते, नही किसी से भीख मांगते जहा मौके पर स्कूल समय मे स्टाफ पहुंचा। तालाबंदी के चलते स्कूल का स्टाफ चारदिवारी फांदकर स्कूल के भीतर पहुंचा। वही छात्र-छात्राओ ने तालाबंदी कर स्कूल बंद करने के साथ कक्षाओ का बहिष्कार किया। ब्लाक शिक्षा अधिकारी शंभुलाल नायक ने बताया कि शुक्रवार को स्कूल समय के दौरान छात्र-छात्राओ ने स्कूल के मैन गेट पर तालाबंदी कर स्टाफ को अंदर जाने से रोक दिया गया। 
Nagda Badi School
   सूचना पर वे स्वयं मौके पर पहुंचे तथा छात्र छात्राओ से समझाइईश की वही गणित विषय का अध्यापक अतिरिक्त व्यवस्था लगाने के बाद करीब डेढ घंटे बाद तालाबंदी खोली गयी। ब्लाक शिक्षा अधिकारी नायक ने बताया कि नागदा बडी स्कूल सीनीयर स्कूल मे क्रमोन्नत होकर प्रधानाध्यापक का पद समाप्त हो चुका है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के आदेश से स्थानांतरण सूची जारी हुई है। प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया रीलीव हो चुके है। नायक ने कहा कि छात्र-छात्राओ को बेवजह गुमराह किया जा रहा, जिसकी जांच पडताल के बाद एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कारवाई की जाएगी।  
प्रधानाध्यापक के अचानक स्थानांतरण से गुस्साए छात्रों ने स्कूल पर जड़ा ताला
राजनैतिक द्वेषता से स्थानांतरण का आरोप, जब तक आदेश कैंसल नही, तब तक नही खुलने देंगे स्कूल 
 बांसवाड़ा में शिक्षा के हालात दिन ब दिन खस्ता होते जा रहे है, जिले के कुशलगढ़ तहसील के नागदा बडी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहा प्रधानाध्यापक के स्थानांतरण आदेश पर बिफरे विद्ध्यार्थी और अभिभावक स्कूल के मैन गेट पर ही तालाबंदी कर सडक पर बैठकर नारेबाजी करने लगे।
 
School lock by student
एसीबीइओ सब्बु रावत भी खाली हाथ लौटे 
  स्कूल खुलने का समय और स्कूल के मैन गेट पर ही तालाबंदी कर सडक पर बैठे स्कूल के छात्र-छात्रा और अभिभावक केवल एक प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया के स्थानांतरण आदेश को वापस लेने और यथावत उनके गांव की उसी स्कूल मे सेवाए देने की मांग पर बिफर गये। मामला जिले के सूदूर एमपी सीमावर्ती कुशलगढ के राउमावि नागदा बडी स्कूल का है। जहा पिछले करीब तीन वर्ष से आंबापाडा गांव के मुकेश बारिया नागदा बडी मे वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत है। बारिया का स्थानांतरण नागदा बडी से चौखला बागीदौरा के आदेश सोमवार को आने के बाद मंगलवार सुबह से ही स्कूल मे कक्षा एक से ग्यारह तक अध्ययन करने वाले तक़रीबन तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राओ और सौ के करीब अभिभावकगण मौके पर जमा हो गये वही उन्होंने अपनी नाराज़गी के चलते स्कूल तक खोलने नही दिया।
 
  वही मौके पर भील प्रदेश विद्धार्थी मोर्चा के पदाधिकारी भी नागदा बडी स्कुल पहुंचे तथा छात्र हित मे बात रख कर उपखंड अधिकारी कुशलगढ को लिखित पत्र सौंप कर प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया को नागदा बडी मे यथावत रखने की मांग रखी। 
School lock by student
तीन साल मे स्कूल का कायाकल्प बदला, सामाजिक क्षेत्र मे सक्रिय भूमिका रखते है वरिष्ठ अध्यापक मुकेश बारिया 
  एक शिक्षक के स्थानांतरण पर छात्र-छात्राओ और अभिभावको का मैन गेट पर तालाबंदी कर नारेबाजी के मामले मे पूरी तह तक जाने पर जानकारी मे सामने आया कि नागदा बडी के वरिष्ठ अध्यापक बतोर प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया विगत तीन साल से नागदा स्कूल मे कार्यरत है, उनकी नियुक्ति के पहले यहाँ स्कूल का नामांकन 170 था जो उनके इस स्कूल में आने के बाद बढकर 315 तक हो गया। बता दे कि यहाँ वर्तमान मे कक्षा एक से ग्यारह तक संचालित है, जहा लिपिक सहित कुल 12 का स्टाफ कार्यरत है। यहा तीन साल के भीतर ही एच.एम. मुकेश बारिया ने अपने स्टाफ ओर भामाशाह के सहयोग से स्कूल का मैन गेट, चारदिवारी बनाने के साथ वृक्षारोपण कर बगीचा लगवाया है। वही पूरे कुशलगढ क्षेत्र मे कुशलगढ सीनीयर स्कूल के बाद अंग्रेजी लिट्रेचर खुलवाई है। गणित की पोस्ट खाली होने पर वह स्वयं ही बच्चो को गणित भी पढाते है। 
School lock by student
  नागदा बडी मे तालाबंदी कर छात्र-छात्राओ के सडक पर उतरने की जानकारी के बाद सुबह एसीबीइओ सब्बू रावत मौके पर पहुंचे, जहा छात्र-छात्रा मुकेश बारिया को वापस लाओ की नारेबाजी के साथ तालाबंदी खोलने को वह नही माने। सूचना पर बीइईओ शंभुलाल नायक सहित कुशलगढ पुलिस थाने का जाप्ता पहुंचा, जहा छात्र-छात्राओ और अभिभावकगण से समझाइश करने शिक्षा अधिकारी मौके पर अडे रहे। लेकिन स्कूल के छात्र-छात्रा गेट से हटने को तैयार होते नही दिखे।  
निशुल्क मिशन-30 : दो साल चलाया, मिशन के माध्यम से अब तक 8 लाख रुपये का कर चुके सामाजिक सरोकार 
  कुशलगढ मे निशुल्क कोचिंग-30 एक जाना पहचाना नाम है, जो लगातार दो साल चला जिसमे जनजाति क्षेत्र के परीक्षा प्रतिभागियो को तीस अध्यापको द्वारा नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की गयी, जिसमे विभिन्न सरकारी सेवाओ मे बच्चो का सिलेक्शन भी हुआ है। वही मिशन द्वारा विधानसभा क्षेत्र मे घटना, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा मे अब तक आठ लाख रू. का सामाजिक सरोकार मिशन 30 की टीम निभा चुकी है। कोरोना मे आक्सीजन सिलेण्डर के लिए 1,76,000, सूरत हादसे में 1,36,000, भोराज बिजली हादसे मे 58,200 सहित क्षेत्र मे छोटी-बडी करीब डेढ दर्जन घटनाओ मे मिशन ने मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध कराई है।
 
स्थानांतरण रोकने के लिए ज्ञापन देने जा पहुंचे उपखण्ड अधिकारी के पास 
कहा कांग्रेस बच्चो का भविष्य बर्बाद करने में लगी, 
बीटीपी ने दिया साथ कहा बच्चो के भविष्य के लिए करेंगे आंदोलन  
  आपने अक्सर भ्रष्ट और कामचोर या गैरजिम्मेदार अध्यापको के खिलाफ प्रदर्शन और स्कूलों में तालाबंदी देखी होगी लेकिन इन सबसे अलग राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। जहा जिले के कुशलगढ़ नागदा बड़ी के प्रधानाध्यापक के हुए अचानक स्थानांतरण से गुस्साए छात्र-छात्राओं ने स्कूल के मेन गेट पर ही ताला जड़ दिया। प्रधानाध्यापक के अचानक हुए स्थानांतरण से नाराज़ छात्र यही नहीं रुके बल्कि नाराज़गी उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंप बताई। वही बीटीपी ने प्रधानाध्यापक को वापस लगानें की मांग की और कहा कि यदि प्रधानाध्यापक को वापस नहीं लगाया गया तो सरकार को छात्र हित में बीटीपी के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। वही क्षेत्र वासियों का कहना है कि कांग्रेस की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा और सुधार तो नहीं दे सकती लेकिन कम से कम सामाजिक विचारधारा वाले अध्यापक का अचानक ट्रान्सफर तों ना करे, जो छात्र हित में दिल से काम करते है। 
 
  जानकारी अनुसार राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय नागदा बड़ी में जुलाई से विद्याध्यन हों रहा था, की अचानक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया का राजनैतिक द्वेष के चलते उनका स्थानांतरण नागदा बड़ी से बागीदोरा के चोखला में कर दिया गया। इससे नागदा बड़ी के छात्र एवं छात्राएं आक्रोशित हो गए व अचानक हुए इस ट्रान्सफर को रुकवाने के लिए छात्रों ने स्कूल के मेन गेट पर ही ताला लगा कर विरोध जताया। वही छात्र-छात्राओं ने मांग रखी की पहले से ही कुशलगढ़ क्षेत्र की स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ नहीं है। बच्चों ने कहा कि यह जनजातीय ग़रीब क्षेत्र है, शिक्षा के नाम पर केन्द्र सरकार व राजस्थान सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने का ढिंढोरा तों पीटती है, सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए भी स्कूलों को क्रमोन्नत कर देती है, लेकिन स्टाफ के अभाव में बच्चों की पढ़ाई हकीकत में सरकार ने बर्बाद कर के रख दी है। छात्रों ने बताया कि इससे सरकार व शिक्षा विभाग को कोई लेना-देना नहीं है भले ही बच्चे उचित शिक्षकों के अभाव में फ़ैल ही क्यों ना हो जाए। बच्चो ने अपनी पीड़ा ज़ाहिर करते हुए कहा कि काले कारनामे करने वाली कांग्रेस के काले मुँह वाले कालिये मंत्री के बच्चे भी सरकारी स्कूल में नहीं पढते, ना ही किसी अधिकारी का और ना ही किसी अमीर का बच्चा यहाँ पढता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि एक ईमानदार मेहनतकश शिक्षक जो अपनी पुरी ईमानदारी व जवाबदारी से बच्चों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का काम करने वाले शिक्षक का अचानक ट्रान्सफर कर दिया गया वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वह गरीबों के बच्चों के लिए काम कर रहा था जो कांग्रेस के कालिये मंत्री से देखा नहीं गया। 
BTP
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   बताते चले कि इस नागदा बड़ी स्कूल में कुल छात्र व छात्राओं की संख्या 315 है। यहां पर प्रधानाध्यापक सहित कुल 10 का स्टाफ है, जिन्हे सरकार व शिक्षा विभाग ने शिक्षा के लिए लगा रखा था कि फिर अचानक राजनीतिवश प्रधानाध्यापक मुकेश बारिया का स्थानांतरण होने से स्कूल के छात्र एवं छात्राएं आक्रोशित हो गए और स्थानांतरण रुकवाने के लिए स्कूल के गेट पर उन्होंने विरोध स्वरुप ताला जड़ दिया। वहीं अपनी नाराज़गी जाहिर करने के लिए कुशलगढ़ उपखंड अधिकारी को उनके द्वारा ज्ञापन भी सौंपा गया। बच्चों ने मौके पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। ज्ञापन भील प्रदेश विधार्थी मोर्चा के लेटर पेड पर लिखा गया है।
  बतादे कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नागदा बड़ी के प्रधानाध्यापक मुकेश जी बारिया का स्थानांतरण होने से छात्र-छात्राओं में आक्रोश होने से विद्यालय का मुख्य द्वार बंद करके सुबह 7:30 से लेकर 11:30 बजे तक छात्रों का धरना मौके पर जारी रहा। वही उपखंड अधिकारी कुशलगढ़ को दिन में 12:00 बजे ज्ञापन दिया गया। मौके पर छात्रों द्वारा इस तरह से किये गए स्थानांतरण आदेश को हाथोहाथ निरस्त करने की मांग की गई। उधर विद्यालय के समस्त स्टाफ को भी स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं होने दिया गया। वही छात्रों की जायज़ मांग को देखते हुए कुशलगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शंभू लाल नायक मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्र-छात्राओं में समझाइश कराई और स्कूल का द्वार खुलवाया।
  
   वहीं भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने बताया कि अचानक प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण करना गलत है। भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) इस स्थानांतरण का जम कर विरोध करती है। विजय भाई मईडा ने बताया की तत्काल प्रभाव से नागदा बड़ी के प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण नहीं रोका गया व प्रधानाध्यापक को वापस नगदा बड़ी स्कूल पर नहीं लगाया गया तो भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) उग्र आन्दोलन करने पर मजबुर होगी। 
 
  प्रदर्शन के दौरान छात्रों के हितों की सुरक्षा करने के लिए भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा विधानसभा अध्यक्ष देवचंद मईडा के नेतृत्व में छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष मुनिया, जिला महासचिव राजेश वसुनिया, नरेश डामोर, मुकेश वसुनिया, पूनमचंद मईड़ा, छात्रसंघ महासचिव विकेश कटारा, महिपाल डामोर, राजेश, भाव चंद, रोहित भटेवरा, मुकेश, पार सिंह, गौर सिंह, दिनेश, नारजी सहित विद्यालय की संपूर्ण छात्र-छात्राएं और गांव के समस्त अभिभावक गण उपस्थित रहे। अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार और मंत्रियो के फोन पर घाघरा उठाकर नाचने वाला शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर इस स्थानांतरण को रोक पाता है या नहीं यह तों वक्त ही बता पाएगा।  

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