अगर आपको मौका मिले तो आप किस देश की लड़की से शादी करना चाहेंगे?
चेचन्या की लड़किया बहुत खूबसूरत मानी जाती हैं, चेचन्या काकेशश पहाड़ के उत्तरपूर्वी हिस्से में आता है, काकेशश पहाड़ के इर्द गिर्द बसे हुए विभिन्न देशों में रहने वाली मानव प्रजाति काकेशियन नस्ल के नाम से जानी जाती है।
यह नस्ल अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है, जो काकेशश पर्वत श्रृंखला के फैलाव के अंतर्गत आने वाले सभी देशों में पाई जाती है।
जैसे काकेशश पर्वत अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, उसी प्रकार से उसकी गोद में बसे देशों के लोग भी अपने सौंदर्य के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं।
इन देशों में चेचन्या इसलिए खास है क्योंकि एक अध्ययन के अनुसार वहां बसने वाली आबादी में, काकेशियन नस्ल के अलावा यूरोपियन नस्ल का भी सम्मिश्रण है, उस अध्ययन में चेचन लोगों में इन दोनो नस्लों के डीएनए पाए गए जो की इन्हे खास बना देते हैं।
संभव है ये प्रश्न उठे की अपने देश में क्या खूबसूरती की कमी है क्या जो कई कई बार मिस वर्ल्ड का खिताब जीता हो?
सही बात है बिलकुल जीता गया और कई कई बार,लेकिन जहां बात समष्टि की आती है, वहीं हमारा देश पीछे छूट जाता है, अगर हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाएं तो बहुसंख्यक लोग जो दिखेंगे उन्हें रूपवान नहीं कहा जा सकता क्योंकि यहां पर लोगों के खूबसूरत होने के फ्रिक्वेंसी बहुत कम है, हम दिन भर किसी भी इलाके में घूमे तो हमे दिखने वालों में 100 में 10 ही ऐसे होंगे जिन्हें खूबसूरत कहा जा सकता है, लेकिन यही खूबसूरत लोगों के दिखने की फ्रिक्वेंसी जो है वो काकेशियन देशों में बढ़ जाती है जहां पर 100 में 95 खूबसूरत ही दिखेंगे।
इसे यूं भी समझा जा सकता है कि,जैसे मुकेश अंबानी के दुनिया का सबसे मंहगा घर भारत के मुंबई में बनवाने से इस बात को नहीं छुपाया जा सकता कि हमारे देश की एक बहुत बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे रहती है, उसी प्रकार से कुछ 2-4 लोगों के वैश्विक स्तर का सुंदरता का खिताब जीत लेने से ये नहीं कहा जा सकता की दुनिया के सबसे सुंदर लोग यहां रहते हैं। हां कभी कभी बादल में बिजली जरूर चमक जाती है, जिसकी वजह से घनघोर अंधकार में कुछ क्षण को प्रकाश हो जाता है।
चूंकि इस प्रश्न का उत्तर मात्र कल्पना के आधार पर ही दिया जा सकता है, तो ये जानते हुए भी कि ऐसा कुछ होने से तो रहा, मैं चेचन्या की महिलाओं के सौंदर्य को शादी के लिए प्रमुखता दूंगा।
यथार्थ नहीं न सही कल्पना ही सही।
खुदा नहीं न सही आदमी का ख़ाब सही
कोई हसीन नजारा तो है नजर के लिए,,,,,,,,,,
ज़ाहिर है इतनी बकवास करने बाद भी अगर अपने दावे का सबूत न पेश किया जाए,तो जानने वाले की कल्पना,जाने गए को भी कल्पित न साबित कर दे, इसलिए नीचे कुछ सबूत भी पेश किए जा रहे हैं, जिनके दम से मैं इतनी उम्मीद तो कर ही सकता हूं की पढ़ने वालों में एक ही सही,कोई तो रजामंद होगा ही।
सरापा हुस्न बन जाता है जिनके हुस्न का आशिक
भला ऐ दिल हसीं ऐसा भी है कोई हसीनों में……?