जब 8 साल बाद एक आश्रम में जिंदा मिली पूर्व मुख्यमंत्री की सगी छोटी बहन
रांची/झारखंड।। दुनिया की छोडिये आज हम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन के बारे में बात कर रहे है। एक मुख्यमंत्री का ये हाल है तो आम आदमी का क्या होता होगा?
झारखंड के बाबूलाल मरांडी
किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। सब मान चुके थे कि वह अब जिंदा नहीं होगी। आखिर 8 साल गुजर जो गए थे। घर-परिवार के लोग भूल चुके थे। लेकिन हिंदी फिल्मों में मिलने और बिछड़ने की कहानी की तरह वह अपने परिवार के बीच लाैट आई है। उसके जिंदा मिलने से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी हर्षित हैं। आखिर उनकी छोटी बहन जो ठहरी। 8 साल बाद अपने बीच मां को पाकर बच्चे भी खुश हैं। उनके लिए तो घर में एक बार फिर से खुशियां लाैट आई है।
साल 2012 में अचानक घर से लापता हो गई
8 साल पहले लापता झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की छोटी बहन मैसुनी देवी मिल गई। यह मरांडी के लिए आने वाले नए साल का अनमोल गिफ्ट से कम नहीं था। मरांडी की बहन बीस साल पहले डिप्रेशन में चली गई थीं। रांची में इलाज चल रहा था। इस बीच वह साल 2012 में अचानक घर से लापता हो गई। कई साल तक परिवार के लोगों ने मैसुनी की खोजबीन की। जब नहीं मिली तो सबने मान लिया था कि अब वह इस दुनिया में नहीं रहीं। खोजबीन भी बंद कर दी गई थी।
2018 से थी राजस्थान के भरतपुर आश्रम में
साल 2012 से लापता मैसुनी देवी भटकती रहीं। इस बीच वह राजस्थान पहुंच गई। भटकते हुए देख राजस्थान के भरतपुर स्थित खोहडीह आश्रम के लोगों ने सुध ली। मैसुनी देवी को 'अपना घर' आश्रम में ठौर मिली। फिर इलाज शुरू हुआ। वह स्वस्थ हो गई। इसके बाद मैसुनी ने अपनी कहानी और अपने परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि बताई तो सब दंग रह गए। इसके बाद आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज ने झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को जानकारी दी। पहले को मरांडी को विश्वास ही नहीं हो रहा था। बाबूलाल की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। उन्होंने तुरंत अपने अनुज नुनूलाल को राजस्थान जाकर बहन को लाने का निर्देश दिया। नुनूलाल तुरंत मैसूनी के बेटे एवं अपने भांजे को लेकर राजस्थान के लिए निकल गए।
बाबूलाल के रांची आवास पर लाई गई छोटी बहन
मैसुनी देवी का भरा-पूरा परिवार है। उनकी शादी गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड में हुई थी। उनके पति किसान हैं। उन्हें 3 बेटा और 2 बेटी हैं। सभी ने फिर से मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन जब आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज और सचिव भूदेव शर्मा की ओर से सूचना दी गई तो परिवार में एक बार फिर से खुशियां लाैट आई है। बहन के लौटने से बाबूलाल मरांडी के रांची से लेकर गिरिडीह शहर के बरगंडा एवं तिसरी के पैतृक आवास पर खुशी का माहौल है। मैसुनी फिलहाल बाबूलाल के रांची के अरगोड़ा स्थित आवास पर है। चिकित्सीय जांच के लिए उसे फिलहाल रांची में रखा गया है।