बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान के बांसवाड़ा में कांग्रेस और भाजपा राज में खाओं खिलाओं का विकास किसी से छुपा नहीं है। राज्य में जब बीजेपी की सरकार होती है तो कांग्रेस वाले सोचते है कि कब हमें जनता को चुटिया बना के विकास के नाम पर जनधन में सेंध मार कर घपले करने मौका मिले और जब राज्य में कांग्रेस की सरकार होती है तो बीजेपी वाले हमारा नंबर आने ही वाला है अब हम दबा कर खाएगे ऐसी नियत से फेकू टाइपी विकास के नाम पर लोगो को भेरू बनाने का काम करते है। फ़िलहाल बांसवाड़ा के जनजातीय क्षेत्र में भी ऐसे ही रमकांड सामने आए है, जिसमे हैंडपंप व केटलशेड के कार्यों में 1 करोड 40 लाख से अधिक का फटका कुछ बईमानों द्वारा लगाया गया है, लेकिन अब इन्ही लुटेरों से जिनमे सरपंच सहित 5 बीडीओ एक जेटीए, एक वरिष्ठ लेखाकार व एक एईएन से लूट की यह राशि वसुली जाएगी। जी हां राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गढ़ी पंचायत समिति की पाराहेडा ग्राम पंचायत में हुएं विकास कार्यों में लाखों के भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद अब पंचायत समिति गांगड़तलाई की ग्राम पंचायत खुंटी नाथजी में हुए विकास कार्यो की शिकायत पर कराई गई जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़झाला सामने आया है।
जांच में गड़बड़ी की पुष्टि पर सरपंच विकास अधिकारी सहित अन्य कार्मिकों से अब सरकार 1 करोड़ 40 लाख रुपयों से अधिक की राशि सभी घपलेबाजों से वसुल की जाएगी। जानकारी अनुसार गांगड़तलाई पंचायत समिति की खुटीनारजी ग्राम पंचायत में साल 2015 से लेकर साल 2018 तक यानी तक़रीबन 3 साल तक गड़बड़झाला होता रहा ओर किसी को भनक तक नहीं लगी। वैसे भनक तो सबकों होगी ही लेकिन कौन मुँह खोले पैसा तो हर जगह बराबर पहुँच रहा होगा, आखिर कांग्रेसियों का जो राज है, खाओ और खिलाओं की नीति सबकुछ मैनेज कर के रखा हुआ था। वही विभिन्न योजनाओं में जब मन मार के जांच कराई गई तो यह गड़बड़झाला सामने आया। अब इसकी शिकायत तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के मंत्री के पास पहुंची तो मंत्री ने गत अप्रैल माह के पहले सप्ताह में मामले की जांच के आदेश देकर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए है। मंत्री के सख्त निर्देश के बाद दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन भी किया गया। जांच कमेटी ने साल 2015 से साल 2018 तक कराए गए विकास कार्यों की जब पत्रावलिया तलब कर व भौतिक सत्यापन कर बारीकी से जांच की तो अचानक से भ्रष्टाचार का जिन बाहर निकल आया, जिसमें हैडपंप खोदने, केटल शेड बनवाने, सड़क निर्माण सहित अन्य कार्यों में भारी गड़बड़ी सामने आई है।
जानकारी अनुसार जिसे कार्य का जिम्मा सौंपा गया था, उसने अन्य से काम करवाया इस गड़बड़झाले के खेल में करीब 3 लाख के विज्ञापन भी व्यय किए गए हैं, ताकि खाऊ और बिकाऊ मिडिया भी भोके ना। वही मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बांसवाड़ा के नरेश बुनकर की माने तो सभी आरोपित चोरो पर नियमानुसार कार्रवाई कर राशी वसुली जानी है। वैसे तो पंचायत समिति में बिडीओ भ्रष्टाचार नहीं करने का ढिंढोरा पीटने में कोई कसर बाकी नहीं रखते है, तो फिर पांच-पांच बिडीओ ने इस गड़बड़झाले पर पैनी नज़र क्यों नहीं रखी? फिर वही बात हुई खाओ खिलाओं और सब मिलकर चुप हो जाओ सब जानते ही है कांग्रेस का क्या है उसे तो शुरू से ही लुटेरी पार्टी का तमगा मिला हुआ है, फिर बोलेगा कौन। लेकिन यहाँ तो दाल में कुछ काला कि जगह पूरी दाल ही काली हो गई, जिसे इन्कार नहीं किया जा सकता। यह तो भला हो शिकायत करने वाले का की उसने सभी की पोल ही खोलकर रख दी, वर्ना सब गड़बड़झाले की राशी खाकर डकार तक नहीं लेते।
इधर जिन कार्मिकों ने सरकारी धन का फटका लगाया, उनसे अब राशी वसुली की अनुशंसा की गई है। सबसे पहले सरपंच लक्ष्मणलाल गरासिया से 67,80,908 रुपए, बीडीओ अमीन गरासिया से 52,46,388 रुपये, बिडीओ चेतनलाल कटारा से 15,34,520 रुपये, जेटीए सतीश सोनी से 95,481 रुपये, वहीं वरिष्ठ सहायक लेखा कांतिलाल से 1,03,699 रुपये, एईएन भुपेश व्यास से 1,03,967 रुपए, बिडीओ शफकतुल्ला खान से 74,778 रुपए, बिडीओ पप्पुलाल मिणा से 16,987 रुपए व बिडीओ हेमंत चंदेलिया से 3,716 रुपयो की वसुली होगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि उन जिम्मेदारो ने मिलकर जनता को फ़टका लगाया है, जिन्हे प्रतियोगीता परीक्षाओं में पास होने के बाद सरकार ने जनता की सेवा में निगेहबानी के लिए नियुक्त किया गया था। वहीं सरकार यदि बारीकी से जिले की हर पंचायत समिति की जांच कमेटी गठित कर जांच शुरू करे तो अन्य पंचायत समितियों में भी गड़बड़झाले के कई दफ़न हो चुके राज़ बाहर निकल कर आ जाएगे।