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अच्छी नींद के लिए करे वास्तु के यह अचूक उपाय

   दिन भर की भाग दौड़  के बाद हर कोई घर जाना चाहता है, आराम की नींद सोना चाहता है। अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी होती है, लेकिन जब यही नींद अत्यधिक मात्रा में व्यक्ति लेने लगे या नींद ही न आये तो यह बीमारी का कारण बन सकती है। स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद लेना पर्याप्त माना जाता है। वहीं, कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें नींद आती आती ही नहीं  है। इससे न सिर्फ उनके अगले दिन की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित होती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। अनिर्दा के कई कारण हो सकते है चिंता, तनाव, कोई गंभीर बीमारी, शारीरिक कष्ट, मानसिक असुरक्षा की भावना, विश्वासघात, ऋण व्यक्ति चिन्तित रहने लगता है तथा उसे नींद नहीं आती।
डॉ सुमित्रा अग्रवाल
सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री
सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता 
इंटरनेशनल वास्तु अकादमी 
अनिद्रा का सम्बन्ध वास्तु शास्त्र से भी है :
वास्तु में द्वार योजना का बहुत महत्व है, कई द्वार अनिर्द्र लाते है जैसे की दक्षिण दिशा मध्य से नैऋत्य कोण तक के द्वार, नैऋत्य कोण से लेकर पश्चिम मध्य की तरफ प्रारंभिक दो द्वार भी यही स्थिति देते हैं। पश्चिम दिशा मध्य को छोड़कर वायव्य कोण तक आने वाले सभी द्वार मानसिक अशांति और अनिद्रा को जन्म देते हैं। उत्तर दिशा मध्य को छोड़कर ईशानकोण तक आने वाले सभी द्वार भी ऐसी ही स्थितियां उत्पन्न करते हैं। ये तो हुवे द्वार की बात इसके अलावा भी कई ऐसे वास्तु दोष होते है जो अनिद्रा लाते है जैसे की पूर्व दिशा में भारी निर्माण हो तथा पश्चिम दिशा एकदम खाली व निर्माण रहित हो तो भी अनिद्रा का शिकार होना पड़ सकता हैै। यहाँ तक की उत्तर दिशा में भारी निर्माण हो परन्तु दक्षिण और पश्चिम दिशा निर्माण रहित हों तो भी अनिद्रा की समस्या आती है। जल का हमारे वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है। अगर गलती से भी वायव्य कोण में जलाशय निर्माण कर ले तो बराबर अनिद्रा की दवाई का सेवन करेंगे क्यों की ये निर्माण अनिद्रा का कारक है। 
   सोने का स्थान भी कई बार अनिद्रा लता है जैसे की अग्नि कोण या वायव्य कोण में शयन करने से अनिर्द्र का शिकार होता है। सायं कक्ष के अलावा भी एक और बात महत्वपूर्ण है की सोते समय सर कोनसे दिशा में है।  उत्तर में सिर व दक्षिण में पैर करके सोने से भी अनिद्रा का शिकार बनना पड़ता है।
सामान्य उपाय :
 रात्रि के समय भूख से थोड़ा कम ही भोजन करना चाहिए।अधिक भोजन खा लेने से पाचन तंत्र ठीक से उसे पचा नहीं पाता व गैस आदि की शिकायत होने लगती है जिससे नींद में बाधा आ सकती है। चाय और काफी दोनों कैफीन युक्त पेय उत्तेजक होते है। रात्रि के समय इनके सेवन से नींद बाधित हो सकती है।
वास्तु के उपाय :
  जिन दिशाओ में द्वार होने से अनिद्रा आती है उन दिशाओ में द्वार न बनाये और अगर द्वार है तो उसे बंद कर दे, भारी निर्माण पूर्व दिशा और उत्तर दिशा में न करे और अगर ऐसा है तो वास्तु शास्त्री से परामर्श करे। सोते समय दक्षिण दिशा में सोये और अपना सर भी दक्षिण दिशा में ही रक्खे।

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