सिमरन ठक्कर नहीं रही - जानते है कैसे बचाये लटक के आत्महत्या करने वालो को
सब जानते है की मृत्यु अटल सत्य है और एक दिन सब को जाना है फिर भी भौतिक उपलब्धियों के पीछे हम भागते रहते है और एक दिन समय का पहिया रुक जाता है और देह को त्याग कर आत्मा वैकुण्ठ को चली जाती है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के हिसाब से -विश्व स्तर पर, हर साल करीब ८00000 लोग आत्महत्या से मर जाते हैं। हर ४0 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। प्रत्येक आत्महत्या के लिए, २0 से अधिक आत्महत्या के प्रयास होते हैं। आत्महत्या भारत में एक उभरती और गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
आत्महत्या के कारण
आत्महत्या और मानसिक विकारों जैसे की अवसाद और शराब के उपयोग के विकार। कई आत्महत्याएं संकट के क्षणों में आवेग में होती हैं। जोखिम भरे कार्यो में हानि या अकेलापन, घर में या कार्य छेत्र, या परिवार में भेदभाव, संबंध टूटना, वित्तीय समस्याएं, पुरानी पीड़ा और बीमारी, हिंसा, दुर्व्यवहार और संघर्ष या अन्य मानवीय आपत स्थितियों का अनुभव शामिल है। आत्महत्या के लिए सबसे मजबूत जोखिम कारक पिछले आत्महत्या का प्रयास है।
ज्योतिष पक्ष
मोत कैसी होगी, कब होगी, किन परिस्थितियों में होगी ये सब जन्मपत्रिका से बताया जा सकता है। अष्टमेश और अष्टम भाव से मृत्यु के कारण की गणना की जाती है। ९ के ९ ग्रह ही अपना अष्टम भाव से सम्बन्ध के आधार पर मृत्यु देते है।
सूर्य के कारण दम घुटने से मृत्यु होती है।
चन्द्रमा के कारण आत्महत्या या डूबने से मृत्यु होती है।
मंगल के कारण विस्फोट से मृत्यु होती है।
बुध के कारण होने वाली मृत्यु - दिमागी गढ़बढ़ी, गले से सम्बंधित मृत्यु। लटक कर मरने वाले कई सेलिब्रिटी है, जैसे की टेलीविज़न एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी, जिआ खान, कुलदीप रंधावा, सुशांत सिंह राजपूत और अब सिमरन ठक्कर की मृत्यु। चन्द्रमा मनसो जातः अर्थात चन्द्रमा मन का करक होता है। चन्द्रमा का हमारे मूड से गेहरा सम्बन्ध है। जब ग्रहो की स्थिति विपरीत हो तब इस प्रकार की मृत्यु संभव है।
बृहस्पति और शुक्र के कारण बीमार के कारण मृत्यु होती है।
शनि के कारण दम घुटने से मृत्यु होती है।
राहु के कारण आत्महत्या से मृत्यु होती है।
केतु के कारण आत्महत्या, हथियारों की चोट से मृत्यु होती है।
कैसे बचाये गले से फांसी लगा के झूलने वाले को -
अगर मृत्यु से कुछ पल पहले तक भी गले में फांसी लगा के झूले हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है। जाने उपाय - अक्सर ऐसी परिस्थिती में लोग सबसे पहले एम्बुलेंस और हस्पताल पहुंचने की तैयारी में लग जाते है। इमरजेंसी में हर एक सेकंड महत्वपूर्ण होता है और उस समय समझ बुझ से काम करने से पीड़ित को बचाने की संभावनाएं रहती है।
इन बातों का करे खास ध्यान -
क्या न करे-
उन्हें नीचे खींचने की कोशिश न करें। इससे उनकी गर्दन टूट सकती है और उनका और भी अधिक गला घुट सकता है।
आस-पास मदद का इंतजार मत करते रहे। गला घुटने में इतना समय नहीं लगता है।
इमरजेंसी हेल्पलाइन, एम्बुलेंस को कॉल कर दे पर अपनी कार्यवाही जारी रखे।
रस्सी को बिल्कुल न खींचे। रस्सी को खींचा खींची करने से गाला और घुट जायेगा।
गांठों को पूर्ववत करने का प्रयास न करें। यदि उन्हें ऊपर उठा लिया है, तो वे फिर से गिर सकते हैं और गला और कस सकता है। यह एक सुरक्षित प्रयास नहीं है, इसलिए कभी भी गाँठ को पूर्ववत करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
क्या करें-
शरीर को ऊपर उठाएं। उठाना सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन अगर उनके वजन का समर्थन नहीं कर सकते हैं, तो नीचे उतारने की कोशिश करें या खड़े करने की कोशिश करे जिससे उनकी गर्दन पर दबाव कम हो।
हेल्प लाइन को तब कॉल करे जब सुनिश्चित हों कि वे सांस ले रहे हैं, या सांस लेने का प्रयास कर रहे हैं। गिरने न दे।
शांत रहें और उन्हें सांस लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
रस्सी को पकड़े हुए ही उसे काटने के लिए चाकू या नुकीली वस्तु का पता लगाएं। जब तक यह नहीं जानते कि क्या करना है, उन्हें नीचे उतारने के बाद उनकी मदद करने का प्रयास न करें। उनकी गर्दन को गंभीर क्षति होने की संभावना है।
अगर पास में कोई नुकीली चीज नहीं है, तो उन्हें पकड़ कर रखें। अपने पैरों पर स्थिर रहें, क्योंकि यदि आप अपना संतुलन खो देते है तो उन्हें खींच सकते हैं और उनकी गर्दन टूट सकती हैं। अगर वह सार्वजनिक स्थान पर है तो दूसरों को मदद के लिए बुलाएं।
ज्यादातर पार्शियल हैंगिंग देखने को मिलती है और पीड़ित को बचाने की सम्भावना रहती है। आखिरी सास तक हिम्मत न हारे। पीड़ित को हिम्मत देवे। हर आत्महत्या करने वाला आवेश में आकर ऐसा करता है, परन्तु मृत्यु के सम्मुख होने पर वो मरना नहीं चाहता और उस समय वो बचना चाहता है। पास खड़ा व्यक्ति उसकी मदद कर सकता है।
सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल, कोलकाता
इंटरनेशनल वास्तु अकादमी
सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता