नम आंखों से भाजपा के झंडे तले दी गई वालजी अढ को अंतिम विदाई
बांसवाड़ा/राजस्थान।। एक जमाना था जब बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मामा बालेश्वर दयाल का डंका बजता था, ऐसे समय में कांग्रेस भी इस क्षेत्र से एक ही बार जीती थी वो भी काला खेत के सुखराम भाई की वज़ह से, जब चौरा बड़ा के वरसिंह भाई कुशलगढ़ से विधायक बने थे। जानकारों का कहना है कि उस समय इस क्षेत्र में भाजपा के लिए आमजन में नफ़रत सी थी, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में दिवंगत वालजी अढ ने अपने सहयोगी तेरचंद अड़, डाक्टर वजहिंग मईडा, मधुसुदन व्यास मोहकमपुरा के स्वर्गगीय नानालाल, नकुम हिरासिह राठोड़, मोहकमपुरा के पावादार जगमालसिंह चावड़ा, श्रीमती सुनीता सोनी कुशलगढ़, नगरपालिका अध्यक्ष ललिता सोनी, करणी सिंह के नेतृत्व में भाजपा को खड़ा किया।
बतादे कि बीजेपी को इस क्षेत्र में मजबूत जनाधार देने वाले आदिवासियों के नेता वालजी अढ ही थे। वही समय के साथ धीरे-धीरे जनता दल यूनाइटेड के एक छत्र राज में भीमा भाई डामोर ने भी कुशलगढ़ में कमल खिलाया और विधायक व संसदीय सचिव बने। उसके बाद से कुशलगढ़ की सीट कांग्रेस के हाथों में चलीं गईं, लेकिन वालजी अढ ने अपनी पार्टी नहीं छोड़ी और लंबे अंतराल तक अढ भाजपा में रहें।
आज उनके निधन के समाचार से हर कोई दुखी था, जैसें ही उनका पार्थिव शरीर खाकरिया लाया गया भाजपा के झंडे से उनकी शव यात्रा सजाई गई। लोगों ने भी नम आंखों से भाजपा नेता को अंतिम विदाई दी। मौके पर अंतिम विदाई देने में मधुसूदन व्यास, पुर्व विधायक व संसदीय सचिव भीमाभाई डामोर, कुशलगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष बबलु मईडा, उपाध्यक्ष नितेश बेरागी, जेनेन्द्र सेठीया, कुशलगढ़ पंचायत समिति प्रधान कानहिंग रावत सहित गणमान्य नागरिक वालजी अढ की शव यात्रा में शामिल थे।