Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips वसुंधरा राजे 2023 के चुनाव के लिए सही चेहरा क्यों नही है?
Headline News
Loading...

Ads Area

वसुंधरा राजे 2023 के चुनाव के लिए सही चेहरा क्यों नही है?

  मोदी तुझसे बैर नही वसुन्धरा तेरी खैर नहीं
Vasundhara Raje Sindiya
 क्या भाजपा को 2023 के राजस्थान चुनाव में फिर से वसुंधरा राजे को चेहरा बनाने का जोखिम लेना चाहिए? नही, वसुंधरा राजे 2023 के चुनाव के लिए सही चेहरा नही है। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत ने तो यहाँ तक कह दिया था कि वसुंधरा को राजस्थान की राजनीति में लाना उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।
   पिछली बार भी राजस्थान की जनता ने वसुंधरा को नकार दिया था, न कि भाजपा को। राजस्थान की जनता ने 2018 के चुनाव में यह नारा बुलंद कर दिया था कि, मोदी तुझसे बैर नही वसुन्धरा तेरी खैर नहीं।
  2018 के चुनावों के बाद जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुए तब राजस्थान की जनता ने सारी 25 सीटे भाजपा की झोली में डाल दी थी। परंतु इसी जनता ने विधानसभा चुनावों में वसुन्धरा का मुख्यमंत्री के तौर पर चेहरा होने के कारण भाजपा को विधानसभा चुनावों में हरा दिया था।
  दरअसल वसुंधरा राजे धौलपुर राजघराने से संबंधित होने के कारण उसका सामंतशाही स्वभाव है। हकीकत तो यहाँ तक थी कि वसुन्धरा से उसके मंन्त्री भी महीनों तक नहीं मिल पाते थे, विधायक और सामान्य कार्यकर्ता का वसुंधरा से मिल पाना तो दूर की कौड़ी थी।
  वसुंधरा ने हमेशा भाजपा आलाकमान पर दबाव की राजनीति की है, वसुंधरा अपने पुत्र दुष्यंत को केंद्र में मंन्त्री बनाना चाहती है, परंतु मोदी इस बात से कभी सहमत नही रहे। वसुंधरा को भाजपा आलाकमान भी दिल से पसंद नही करता है, इसलिए वसुंधरा को राजस्थान प्रदेश की राजनीति से दूर रखने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बना दिया, परंतु वसुंधरा अपने को राष्ट्रीय नेतृत्व से दूर रखकर राजस्थान को छोड़ना नही चाहती है।
  वसुंधरा ने गत 8 मार्च को स्वयं के जन्मदिन पर लगभग 30 समर्थित विधायको को व हजारो कार्यकर्ताओ को इकठ्ठा करके आलाकमान को यह संदेश दे दिया है कि उनके पास कितनी ताकत है। यदि भाजपा आलाकमान वसुंधरा को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नही करती है तो यह तय मानिए कि वह पार्टी से बगावत भी कर सकती है, और वसुंधरा के ऐसा कर देने से भाग्य का छीका एकबार फिर अशोक गहलोत पर टूट सकता है।
  अंत मे राजस्थान में वसुंधरा भाजपा आलाकमान के लिए एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई से ज्यादा कुछ नहीं है। 

Post a Comment

0 Comments