राजनीतिक दलों द्वारा राज्य में उन्माद पैदा करने का किया जा रहा है काम - मईडा
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राजनीतिक दलों द्वारा राज्य में उन्माद पैदा करने का किया जा रहा है काम - मईडा

  बांसवाड़ा/राजस्थान।। भारतीय ट्राइबल पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजयभाई मईडा ने प्रेस नोट के द्वारा भाजपा की जनाक्रोश यात्रा तथा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए कहा है कि आजादी के 75 वर्ष तक कांग्रेस व भाजपा ने एसटी, एससी, ओबीसी माइनॉरिटी तथा पिछड़े तबके के लोगों का वोट बैंक के रूप में उपयोग किया। वही आज तक उनके संवैधानिक अधिकारों को धरातल पर लागू नहीं किया गया है, लेकिन चुनावी समय आने पर आज यात्रा निकाली जा रही है। मईड़ा ने विपक्षी पार्टियों से सवाल करते हुए कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अशांति फैलने के लिए कौन जिम्मेदार है। केंद्र में भाजपा की सरकार है तथा राज्य में कांग्रेस की सरकार दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा राज्य में उन्माद पैदा करने का काम किया जा रहा है, जिस प्रकार पिछड़े तबके के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है चाहे वह जितेंद्र मेघवाल, इंद्र मेघवाल, कार्तिक भील हत्याकांड हो या काकरी डूंगरी गोलीकांड हो जिन्हें आज तक न्याय नहीं मिला है। 
   
   मईड़ा ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और सारे सरकारी विभागों का निजीकरण कर दिया है, जिससे नौकरियां समाप्त हो चुकी है और पिछड़े तबके के लोगों के आरक्षण की व्यवस्था को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया है, महंगाई से पूरे देश की जनता त्रस्त है, मूल्य से संबंधित नीतियों का निर्धारण केंद्र सरकार के माध्यम से होता है, भ्रष्टाचार भी शर्म सीमा पर पहुँच चूका है तथा विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीनों को हड़पा जा रहा है उनकी मूल संस्कृति को समाप्त किया जा रहा है, उनके संवैधानिक अधिकार ही नहीं देश का संविधान भी आज खतरे में है। 
  मईड़ा ने  विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आए दिन धर्म और जाति के नाम पर उन्माद पैदा करने का काम किया जा रहा है, राज्य व केंद्र की सरकारों के द्वारा न्याय प्रक्रिया में भी बेदखल करके पिछड़े तबके के लोगों के साथ में अन्याय किया जा रहा है। राजस्थान में भाजपा जनाक्रोश यात्रा निकाल रही है जिसमें आदिवासियों पिछड़े तबके के वर्ग के लिए किसी भी प्रकार के मुद्दे नहीं हैं, उनके मुद्दों में कहीं पर भी एसटी, एससी, ओबीसी और माइनॉरिटी के मुद्दों को सम्मिलित नहीं किया गया। राजस्थान के आदिवासियों का प्रमुख मुद्दा जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण, पांचवी अनुसूची, पेसा एक्ट, पृथक राज्य भील प्रदेश, ओबीसी समाज की गणना हो आदि मुद्दों को दरकिनार किया गया है, केवल वोट बैंक साधने के लिए जनाक्रोश यात्रा निकाल कर यहां के विभिन्न समाजों को साधने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यहां की जनता समझ चुकी है जिसका आने वाले समय में करारा जवाब मिलेगा। 

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