Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips 50 वर्ष से कम उम्र वाले क्यों मर रहे है, दिल के दौरे से?
Headline News
Loading...

Ads Area

50 वर्ष से कम उम्र वाले क्यों मर रहे है, दिल के दौरे से?

  सूत्रों की माने तो 2022 में कम उम्र के लोगो की हार्ट अटैक से मौत हुई है और उनकी उम्र 50 साल से कम थी। परंतु कई बार लोग स्वस्थ नजर आते है और हार्ट अटैक में मर जाते है। टिकटोक स्टार मेघा ठाकुर उम्र 21 वर्ष का निधन 24 नवंबर और हाल ही में हमने कई दिग्गजों को खोया है टोयोटा किर्लोस्कर मोटर वाईस के चेयरपर्सन विक्रम किर्लोस्कर का निधन 29 नवंबर फिर से उन यादो को ताज़्ज़ा कर देता है की पिछले दो वर्षो में हमने कई बॉलीवुड और टीवी के नामी सितारों को हार्ट अटैक में खोया है। भारतीय टेलीविजन अभिनेता सिद्धांत वीर सूर्यवंशी, उम्र 46 वर्ष का 11 नवंबर को जिम में कसरत के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को भी 10 अगस्त को ट्रेडमिल पर एक बड़े कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा था। 21 सितंबर को उनका निधन हो गया। प्रसिद्ध गायक केके का कोलकाता में नजरुल मंच में एक संगीत समारोह में प्रदर्शन के दौरान तबीयत का बिगड़ना और फिर मृत्यु का कारण हृदय गति रुकना था। दक्षिण भारतीय अभिनेता पुनीत राजकुमार, उनकी मृत्यु अक्टूबर 2021 में एक घातक कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। टीवी स्टार सिद्धार्थ शुक्ला का सितंबर 2021 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, जिससे उनके प्रशंसक सदमे और शोक में डूब गए। देखा जाए तो कोरोना के बाद हार्ट अटैक में बढ़ोत्री हो रही है। 
हार्ट अटैक क्या है?
  हमारा हृदय यानी की दिल एक मस्कुलर अंग है। हृदय दिन में १ लाख बार धड़कता है। हमारा दिल छाती के बाईं ओर होता है। 24 घंटो में पुरे शरीर में 5000 गैलन रक्त पंप करता है। कोरोनरी धमनी रोग में, एक या अधिक हृदय (कोरोनरी) धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं।
  कोलोस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट की समस्या बढ़ती है। अधिक कोलेस्ट्रॉल धमनिओ को संकुचित कर देता है जिससे ह्रदय में खून पास होना बंध हो कर हार्ट अटैक हो जाता है।
Dr. Sumitra Agrawal
किस उम्र में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है?
  आकड़ो के अनुसार विगत १० साल से हार्ट अटैक से मौत होने वालो की की संख्या में बढ़ोतरी 75 % हो चुकी है। हर 10 में से 4 इंसान जो 50 साल की उम्र में हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है। 2022 में 40% की उम्र 40 साल से कम है जिसकी मौत हार्ट अटैक से हो चुकीं होती है। आश्चर्य की बात यह है की पहले की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा 40 साल की कम उम्र के लोगो में लिए बढ़ता जा रहा है। ये चिंता का विषय है, ये रिपोर्ट दंग करने वाली रिपोर्ट है।
हार्ट अटैक के लक्षण
  मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन का सबसे आम लक्षण है छाती में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी। लेकिन हार्ट अटैक के अन्य संकेत भी होते हैं, जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण लक्षण है -
शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सिने मे दर्द की शिकायत, जी मचलना, जल्दी थकान महसूस होना, बार-बार बेहोश होना, हार्ट का तेजी से धड़कना, सिर घूमना आदि। 
कारण-
  हार्ट अटैक की आम वजह मोटापा है। धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन, डायबिटीज, हाई फैट डाइट, तम्बाकू का सेवन, जंग फूड का सेवन, नींद की कमी, अत्यधिक तनाव, हद से ज्यादा कसरत करना, पहले से बीमारी होना, हाई बीपी आदि इसके मुख्य कारण है। 
हार्ट अटैक का सिग्नल हमारा शरीर हमे देता है क्या?
  हा, हार्ट अटैक का सिग्नल हमारा शरीर हमे देता है, लेकिन हम पहेचान नहीं पाते है। हम नजरअंदाज करते है और यही गलती की वजह से खतरे में पड़ जाते है। इसलिए हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। हार्ट अटैक की कोई भी लक्षण मिलती है, तो तात्कालिक डॉक्टर के पास अच्छी ट्रीटमेंट करवाए। योग प्राणायाम नियमित तौर पर करे।आधे से ज्यादा बीमारी नियमित प्राणायाम से दूर होती है।
   रोजाना 50 मिनट कसरत करनी चाहिए, इसे ज्यादा नहीं करनी चाहिए, ज्यादा कसरत से हार्ट की धड़कन तेज होने लगती है। ध्यान तनाव के लिए बेहद कारगर है, हर सुबह ध्यान नियमित तौर से कीजिए ओर स्वस्थ रहिए। 
ध्यान से तनाव से मुक्ति मिलती है, मन प्रसन्न रहता है।
  हार्ट अटैक की बीमारी कोई भी उम्र नहीं देखती है। हमेशा सचेत और सावधान रहना चाहिए। हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत, डॉक्टर के संपर्क में जाना चाहिए और अपनी जान को बचाना चाहिए। हार्ट अटैक से बचाव हो सकता है - सावधानी रखें, नियमित योग, प्राणायाम, ध्यान करें और सब से महत्वपूर्ण बात खुश रहें। क्यों की खुश रहने वालो को हार्ट अटैक की समस्याएं नहीं होती है और खुश होने से आयु बढ़ती है। स्वस्थ रहिए सतर्क रहिए, अपनी जिंदगी की शुरुआत सकरात्मकता सोच से करिये इससे जिंदगी की काया ही बदल जाती है।



डॉ सुमित्रा अग्रवाल
कोलकाता

Post a Comment

0 Comments