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सुख-शांति के लिए श्मशान में जुटते हैं हजारों लोग, मृतकों की बनती है सूची

Pankhajur
   पखांजूर/छत्तीसगढ़।। छत्तीसगढ़ से एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है, जिसमे एक अद्भुत परम्परा पालन छत्तीसगढ़ के पखांजूर में किया जाता है जिसके बारें में आप जानकर हैरान रह जाएंगे। इस परम्परा के अनुसार शमशान घाट जहाँ मुर्दों को जलाया जाता है, वहीं दिन रात एकजुट होकर लोग पूजा पाठ करते हैं। छत्तीसगढ़ के पखांजूर क्षेत्र में एक ऐसा गांव है। पखांजूर से कुछ ही दूरी पर यहाँ इंद्रप्रस्थ गांव जहाँ ग्रामीण पिछले 2 सालों से ऐसी परम्परा निभा रहे हैं। इस मेले में महिलाएं, पुरुष तथा छोटे—छोटे बच्चे बड़ी संख्या में कलश यात्रा लेकर निकलते हैं और फिर श्मशान में जहाँ शव को जलाया जाता है वहीं कलश रखकर तथा मुक्तिधाम के चारों ओर घूमकर पूजा पाठ करते हैं।
   इस दौरान एक साथ इस मुक्तिधाम में दिन रात 3 दिन तक ग्रामीण पूजा पाठ करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से गांव में सुख समृद्धि बनी रहती है, गांव की परम्परा यह है कि एक साल में कोई भी व्यक्ति या महिला की मृत्यु होती है तो उसकी लिस्ट बनाई जाती है।
   साल भर बाद इसी समय उनकी आत्मा की शान्ति के लिए 3 दिन तक पूजा पाठ किया जाता हैं। एक तरफ जहां लोग मुक्तिधाम का नाम सुनकर ही डर जाते हैं और वहाँ जाना नहीं चाहते, वहीं दूसरी ओर इस गांव के बच्चे, बूढ़े, महिलाएं-पुरूष सभी मुक्तिधाम में दिन रात बैठकर पूजा पाठ करते हैं। लोगों का कहना है कि इस दुनिया में जो भी जन्म लिया है उसे एक दिन यही आना पड़ेगा, चाहे कुछ भी करे अंतिम यात्रा इसी जगह पर होती है। एक ग्रामीण इंद्रजीत विश्वास का कहना है कि परंपरा के अनुसार यहां बुजुर्ग हो या बच्चे या फिर महिलाएं सभी मुक्तिधाम में दिन रात बैठकर पूजा पाठ करते हैं।

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