Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips दुल्हन की तलाश में भटक रहे कुंवारे, जा पहुंचे कलेक्टर के पास
Headline News
Loading...

Ads Area

दुल्हन की तलाश में भटक रहे कुंवारे, जा पहुंचे कलेक्टर के पास

युवकों ने निकाला अनोखा मार्च, की ये मांग
  सोलापुर/महाराष्ट्र।। देश के कुछ राज्यों में लिंगानुपात इस कदर असमानता पर जा पहुंचा है कि अब कुंवारे युवकों को अपनी दुल्हन पाने के लिए मार्च निकालना पड़ रहा है। जी हां एनजीओ ज्योति क्रांति परिषद (जेकेपी) की ओर से आयोजित एक मार्च ने सोलापुर और दूसरे जिलों के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ी समस्या को उजागर किया है, जहां शादी के लिए लड़कियों की भारी कमी है। 
Unmarried of Solapur
दूल्हे शेरवानी और कुर्ता-पायजामा में, अपने गले लिए हुए थे तख्तियां 
  जुलूस में जाने वाले सभी दूल्हों ने शेरवानी और कुर्ता-पायजामा पहन रखा था और अपने गले में तख्तियां लिए हुए थे. जेकेपी के अध्यक्ष रमेश बारस्कर ने कहा कि जुलूस में सभी हताश कुंवारे लोग 25-40 के बीच की उम्र के हैं, ज्यादातर पढ़े-लिखे और सम्मानित मध्यवर्गीय परिवारों से है जिनमें कुछ किसान, कुछ निजी कंपनियों में काम करने वाले भी थे। बारस्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्त्री-पुरुष अनुपात बिगड़ने के कारण इन कमाऊ और सक्षम पुरुषों को वर्षों तक विवाह के लिए लड़कियां नहीं मिलती हैं। स्थिति इतनी खराब है कि वे किसी भी लड़की से शादी के लिए तैयार हैं, जाति, धर्म, विधवा, अनाथ, कुछ मायने नहीं रखता है।
कलेक्ट्रेट ऑफिस पर खत्म हुआ जुलूस
  जुलूस कलेक्ट्रेट ऑफिस पर खत्म हुआ जहां ‘दूल्हों’ ने बैठकर अपनी हृदय विदारक पीड़ा बताई और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन सोलापुर के कलेक्टर मिलिंद शंभरकर को सौंपा। जनवरी 2022 में ‘बेटी बचाओ’ आंदोलन शुरू करने वाले पुणे के डॉ. गणेश राख ने कहा कि भारत में आधिकारिक रूप से 1,000 लड़कों पर 940 लड़कियां हैं, पर महाराष्ट्र में 1,000 लड़कों पर 920 लड़कियां हैं। केरल में 1,000 लड़कों पर 1,050 लड़कियां हैं हालांकि देश के बाकी हिस्सों के आंकड़े भ्रामक हैं। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल उपाय नहीं किया गया तो स्थिति और खराब हो जाएगी।
Unmarried Solapur
पूर्व परिषद प्रमुख बारस्कर ने कही ये बात
  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और मोहोल शहर के पूर्व परिषद प्रमुख बारस्कर ने कहा कि जेकेपी के अध्ययन से पता चलता है कि शादी के लिए लड़कियां सरकारी नौकरी, आर्मी या फिर विदेशों में काम करने वाले लोग चुनना चाहती हैं या फिर मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में काम करने वाले लोगों को पसंद करती हैं। बारस्कर ने बताया कि जो लोग पहले से ही शहरों में रह रहे हैं वे अलग-अलग कारणों से गांव में आना नहीं चाहते हालांकि वे बहुत अमीर परिवारों से भी नहीं हैं।
जुलूस में शामिल लोगों ने बयां किया दर्द
  दूल्हा बनने की चाह रखने वाले 40 वर्षीय लव माली ने मीडिया को बताया कि उनका पूरा परिवार दो दशक से अधिक समय से एक दुल्हन खोज रहा है। 39 साल के किरण टोडकर ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर अपनी तस्वीरें, बायो डाटा और पारिवारिक विवरण अपलोड कर रहे हैं लेकिन ‘हिट’ नहीं मिला रहा है। यहां तक कि सोलापुर में धार्मिक इवेंट और मैच-मेकिंग कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया लेकिन कोई लड़की नहीं मिली। 36 साल के गोरखा हेदे ने कहा कि मेरा परिवार 15 साल से दुल्हन ढूंढ रहा है। वे किसी भी लड़की को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

Post a Comment

0 Comments