ब्लेक वाटर क्या होता है?
ब्लैक वाटर क्षारीय जल है। इसमें सामान्य जल के मुकाबले खनिजों की मात्रा अधिक होती है। जिसमें मैग्नीशियम, सोडियम, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे लगभग 70 खनिज शामिल हैं। इसका pH लेवल 7 से अधिक सामान्यतः 8–9 के बीच होता है। अधिक pH का पानी प्राकृतिक तौर पर या ionizing के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
इसे अल्कलाइन आयोनाइज़्ड वाटर भी कहते हैं। मेडिकल जर्नल ‘एविडेंस बेस्ड कॉम्प्लिमेंटरी एंड अल्टर्नेटिव मेडिसीन’ (EBCAM) के मुताबिक, लैब में चूहों पर टेस्ट करने के बाद पता चला है कि अल्कलाइन वाटर शरीर का वजन कंट्रोल करने में सहायक होता है।
ब्लैक वाटर में फलविक एसिड होता है, जो इसके काले रंग के लिए जिम्मेदार होता है। भारत में कई ब्रांड के ब्लैक वाटर मौजूद हैं। इनमें इवोकस नाम काफी चर्चा में है। इवोकस की 6 हाफ लीटर वाली बोतल 600 रुपये में मिलती हैं। इसका मतलब 3 लीटर की कीमत 600 रुपये हुई। इस हिसाब से 200 रुपये प्रति लीटर ब्लैक वॉटर की कीमत है।
ब्लैक वॉटर की एक बोतल में 32 मिलिग्राम (mg) कैल्सियम, 21 मिलिग्राम (mg) मैग्नीशियम और 8 मिलिग्राम (mg) सोडियम होता है।
फायदे-
यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की सप्लाई को बढ़ा देता है।
इसके नियमित सेवन से शरीर में रक्त का संचार बहुत ही प्रभावी ढंग से होता है।
यह गैस और अपच जैसी पाचन समस्याओं को भी दूर करता है।
यह मधुमेह (diabetes) के मरीजों को भी लाभ पहुंचाता है।
यह त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है, खासतौर पर उनके लिए जिन्हें मुहांसों की समस्या रहती है।
ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
इसमें एंटी-एजिंग गुण है, जिनसे त्वचा का ग्लो बना रहता है।
ये कैंसर से बचाता है।
ये शरीर का पी.एच. लेवल मेन्टेन करके एसिडिटी को कम करता है।
साधारण पानी के मुकाबले शरीर को ज्यादा हाइड्रेटेड रखता है।
यह हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर करता है।
उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।