बांसवाड़ा/राजस्थान।। आखीर कौन जान से मारना चाहता है भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा को? आखीर किसने जान से मारने की धमकी भरा लेटर किसने भेजा विजय मईडा को? एक अज्ञात धमकी भरा पत्र ने बीटीपी के कार्यकर्ताओं की नींद उड़ादी है। ना किसी से दुश्मनी और ना किसी से कोई लेनदेन फिर कौन है जो बीटीपी के नेता विजय मईड़ा को जान से मारने की साजिश कर रहा है ? इसी धमकी भरे पत्र की जांच को लेकर विजय भाई मईडा ने आज कुशलगढ़ पुलिस उपाधीक्षक को लिखीत में एक परिवाद सौपा है।
राजस्थान के दक्षिणांचल बांसवाड़ा में राजनीती के मानचित्र में उभर कर आ रही भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के कदमों को रोकने के लिए अब अज्ञात शत्रु जान से मारने की धमकी भरा पत्र पहुंचा कर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय मईड़ा के राजनीतिक कदमों को रोकना चाहते है। आखिरकार कौन उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा है? राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में भारतीय ट्रायबल पार्टी (बिटीपी) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने बताया बताया कि दिनांक 11.01.2023 को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बंद लिफाफे में धमकी भरा पत्र बच्चो के मार्फ़त विजय मईड़ा तक पहुंचाया गया, जिस पर जान के खतरे को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टी से मईड़ा द्वारा आज जांच कर दोषियो की गिरफ्तारी के लिये त्वरित कार्रवाई हेतु पुलिस उप अधीक्षक कुशलगढ़ को अज्ञात लोगों के खिलाफ परिवाद दर्ज करवाया गया है।
मईड़ा ने बताया कि पत्र मे उन्हें जनजातिय वर्ग के संवैधानिक अधिकारों तथा क्षेत्र के मुद्दों को नहीं उठाने का जिक्र करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई है। पत्र मे मईड़ा को बीटीपी पार्टी के लिये राजनिति बन्द करने के लिये चेताया गया है, ऐसा नहीं करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है।
वही मईड़ा का कहना है कि वह बीटीपी पार्टी के एक कार्यकर्ता मात्र है तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य का दायित्व भी उनके पास ही है और पार्टी के मेनिफेस्टो में भी संवैधानिक अधिकारों, शोषण एवं अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना उनका प्रजातांत्रिक अधिकार हैं लेकिन कुछ असामाजिक तत्व उनकी मेरी आवाज को दबाना चाहते हैं लेकिन यह संभव नहीं है।
मईड़ा का कहना है कि वह एक सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से जुडे़ हुए है, और लगातार संवैधानिक अधिकारों, अन्याय, अत्याचार, शोषण तथा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों को लेकर वह आवाज उठाने का काम करते रहेंगे। मईड़ा ने कहां कि उन्हें उनकी जान की परवाह नहीं है, लोकतंत्र में यह बहुत बड़ी दुखद बात है की जनता और समाज के अधिकारों की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। मईड़ा ने कहां कि वह जानते है कि उन्हें ड़राने के लिये यह यह चिट्ठी लिखी गई है लेकिन वह डरने वाला नहीं है, वह सदैव क्षेत्र की समस्याओं तथा संवैधानिक अधिकारों को लागू करवाने की बात करते रहेंगे। मईड़ा ने स्वयं को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए कहां कि उन्हें समय-समय पर गांव देहात में घूमना पड़ता है, इसलिये उक्त विषय को ध्यान में रखते हुए पुलिस उप अधीक्षक कुशलगढ़ को परिवाद दर्ज करा दिया गया है।