बांसवाड़ा/राजस्थान।। रामलुभाया कमेटी के सुझावों के बाद से राजस्थान मे बनने वाले नये जिलों एवं सम्भाग का शोर अब जनजातिय बाहुल्य क्षेत्र बांसवाड़ा मे भी गुजने लगा है। जब से रामलुभाया कमेटी की राज्य मे नये सम्भागो के गठन को लेकर कयास सामने आए है, तब से बांसवाड़ा मे भी इसकी खासी हलचल देखने को मिली है। कमेटी के बांसवाड़ा को उदयपुर सम्भाग से चित्तौडगढ़ को नया सम्भाग बनाकर उसमे सम्मिलित करने के राजस्थान सरकार के प्लान पर अब बीटीपी ने एतराज जताया है।
बीटीपी का कहना है रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट के सहारे राजस्थान की कांग्रेस सरकार टीएसपी क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतागढ़ को छिन्न-भिन्न कर अलग करना चाहती है, ताकि जनजातिय वर्ग को पाटा जा सके। बीटीपी के नेताओं का कहना है कि यदि गहलोत सरकार टीएसपी क्षेत्र का विकास ही करना चाहती है, तो वह बांसवाड़ा को ही सम्भाग बनाकर डूंगरपुर और प्रतापगढ़ को इसमें सम्मिलित क्यों नही कर देती है, जिससे इस क्षेत्र का सही तरीके से विकास हो सकें ओर टीएसपी क्षेत्र एक संभाग के रूप में विकसित हो सके।
वही भारतीय ट्राइबल पार्टी बीटीपी ने बांसवाड़ा को उदयपुर-172 किमी. की दूरी से चित्तोड़गढ़ को सम्भाग बनाकर 215 किमी. दूर जोड़ने के रामलुभाया कमेटी के सुझावों को टीएसपी क्षेत्र के सभी जाति वर्ग के उक्त क्षेत्र के मूलनिवासीयों के वजूद को ही खत्म करने की साजिश करार दिया है। वही कुछ बीटीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार टीएसपी क्षेत्र बांसवाड़ा को इसलिए संभाग नहीं बनाना चाहती है, क्योंकि सरकार टीएसपी क्षेत्र के नाम पर बजट उठाकर अपना जेब भरती रहे ओर यहाँ के मूलनिवासियों को हमेशा पिछड़ा ही रहने दिया जा सके ताकि उनके विकास के नाम पर बड़े-बड़े घपले किये जा सके ओर यहाँ के कम पढ़े-लिखे गरीबों को इसकी भनक तक ना लग सके।
रामलुभाया कमेटी के इन्ही सुझावों का विरोध जताते हुए भारतीय ट्रायबल पार्टी की ओर से आज जिला कलेक्टर बांसवाड़ा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया, जिसमें राजस्थान सरकार के द्वारा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित नए जिलों एवं संभागों के गठन हेतु सेवानिवृत्त आईएएस रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बांसवाड़ा जिले को नए संभाग चित्तौड़गढ़ में मिलाया जा रहा है, जिसकी बांसवाड़ा से दूरी 215 किलोमीटर है तथा बांसवाड़ा से उदयपुर की दूरी 172 किलोमीटर है।
बीटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय मईड़ा ने मांग की है कि आमजन के लिए सुविधा की दृष्टि से इस दूरी को देखते हुए बांसवाड़ा जिले को संभाग मुख्यालय बनाया जावे जिसमें डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सम्मिलित किया जाए साथ ही कुशलगढ़ को जिला बनाकर इसी संभाग में सम्मिलित किया जावे। मईड़ा ने बताया कि कुशलगढ़ से बांसवाड़ा की दूरी 54 किलोमीटर है, वही कुशलगढ़ उपखंड की अंतिम सीमाएं मध्यप्रदेश और गुजरात से मिलती है, साथ ही इसकी सीमाओं से कई सुदूरवर्ती गांव सटे हुए भी हैं, जिन की दूरी जिला मुख्यालय बांसवाड़ा से 150 किलोमीटर से अधिक है तथा भौगोलिक परिस्थितियां भी विषम प्रकार की है जिससे आमजन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बांसवाड़ा को संभाग मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर भारतीय ट्रायबल पार्टी ने बांसवाड़ा को संभाग जिसमे बांसवाड़ा संभाग मुख्यालय एवं डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सहित कुशलगढ़ को जिला बनाकर इस संभाग में जोड़ने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन देते समय बीटीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई, जिला अध्यक्ष देवचन मावी, सज्जनगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष मानसिंह डामोर, युवा जिला अध्यक्ष दिनेश खाट, कुशलगढ़ युवा ब्लॉक अध्यक्ष राहुल डिंडोर, जिला प्रवक्ता रामचंद्र मईडा, जिला प्रभारी डॉक्टर एलसी मईडा आदि कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित हुए।