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कांग्रेस का बजट टीएसपी क्षेत्र को गरीब रखने की साज़िश से ज्यादा कुछ नहीं है

  बांसवाड़ा/राजस्थान।। गहलोत के बजट पर भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी ने इसे चुनावी बजट बताते हुए कटाक्ष किया है। भारतीय ट्रायबल पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजयभाई मईडा ने कहा कि राजस्थान सरकार का 2023-24 का बजट गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों तथा निम्न एवं मध्यम वर्ग के लिए उपेक्षा भरा बजट है। जिसमें रोजगार और महंगाई का कहीं से कहीं तक कोई जिक्र नहीं है। मईड़ा ने कहा कि प्रशिक्षित बेरोजगारों को सफाई कर्मी तक सीमित कर दिया गया है तथा यह आदिवासी क्षेत्र के लिए पूरी तरह नाकामी भरा बजट है, इस बजट से टीएसपी क्षेत्र के किसी भी वर्ग के यूवा का कोई भला कभी भी नहीं होगा, बल्कि इस लोक लुभावने बजट से क्षेत्र का यूवा अपने आप को ठगा सा और बर्बाद महसूस कर रहा है।
 
   मईड़ा कहा कि बांसवाड़ा जिले को इस बजट में कोई बड़ी सौगात नहीं मिली है। पूर्ववर्ती बजट 2020-21, 2022-23 मे 8 हजार करोड़ की 7 बड़ी घोषणाएं बांसवाड़ा जिले के लिए की गई थी, जिनका आज तक धरातल पर काम नहीं दिख रहा है। 2500 करोड़ से माही परियोजना से अपर हाई लेवल केनाल बांसवाड़ा, बागीदौरा और कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 338 गांव को सिंचाई उपलब्ध कराना, कुशलगढ़ में स्वतंत्र कृषि उपज मंडी, वागड़ टूरिस्ट सर्किट बनाना, कुशलगढ़ को जिला बनाना, खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र में एक कॉलेज खोलना, छोटी सरवा को पंचायत समिति बनाने, बांसवाड़ा में कृषि महाविद्यालय की घोषणा, बागीदौरा, आनंदपुरी, छोटी सरवन मे औद्योगिक केंद्र की स्थापना, बांसवाड़ा में मिनी सचिवालय, स्टेट हाईवे गढ़ी, बागीदौरा और कुशलगढ़, तलवाड़ा हवाई पट्टी का अपग्रेडेशन तथा बांसवाड़ा को रेलवे और एयरपोर्ट से जोड़ने तथा उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना करना एवं बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, कुशालगढ़ को मिलाकर बांसवाड़ा को संभाग मुख्यालय बनाना आदि महत्वपूर्ण विषयों से बांसवाड़ा जिले को जानबूझकर दूर कर किया गया ताकि यहाँ के आदिवासियों के नाम पर हर साल करोड़ों का बजट उठाकर घपले कर उन गरीब आदिवासी भाइयों के विकास के नाम पर बजट को खुर्द बुर्द कर भृष्टाचार कर गबन कर सके और यहाँ के लोगो को गरीब ही रहने दिया जाए ताकि उनके नाम पर अपनी जेबे भरते रहे। 
  मईड़ा ने बताया कि आज तक बांसवाड़ा के धरातल पर किसी प्रकार से कार्य प्रारंभ होते नहीं दिख रहे हैं, यह एक चुनावी बजट है। राजस्थान सरकार को यहां की जनता समझ चुकी है जिसका आने वाले विधानसभा चुनाव में करारा जवाब जनता द्वारा दिया जाएगा।

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