उज्जैन/मध्यप्रदेश।। खबर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर से है जहा 18 लाख दीपको की रोशनी से जगमगाया बाबा महाकाल का मंदिर, वही इतने सारे दिपको एक साथ प्रज्जवलन की वजह से उज्जैन महाकाल का नाम गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो गया है।
महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। अवसर पर विद्युत व्यवस्था ऐसी थी मानों राजा विक्रमादित्य की नगरी दुलहन की तरह सजाई गई हो। शिवरात्रि के इस पावन पर्व यहा श्रद्धा, भक्ति ओर आस्था का ऐसा समागम था की बाबा के भक्त अपने मनुष्य जीवन को धन्य मानकर महाकाल के दर्शन कर अद्भुद महाशिवरात्रि पर्व के साक्षी बन रहे थे।
जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस व महाकाल समिती ने इस भव्य आयोजन को विराट रुप देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उज्जैन शहर के सभी मंदिरों पर जगमगाती लाईट व्यवस्था के बीच पुजा अर्चना करने वालो का दिन भर तांता लगा रहा।
वही उज्जैन शहर के सभी घाटो, मठों में बाबा महाकाल के गगन भेदी नारों से आंसमा गुंजायमान हो उठा। जगह-जगह सुंदर व आकर्षक झांकियां सजाई गई, एवं आसमान में लेज़र लाईटों से की गई आतिशबाज़ी मानो वह आपको स्वर्ग का अहसास करा रही हो। जैसे ही 18 लाख दिपको की रोशनी से उज्जैन जगमगाया तो मानों दशो दिशाओ में रोशनी की किरणे आभा बिखेरने लगी। जहा सभी भक्त अपने को धन्य मान रहें थे, वही लोगो ने इस पवित्र भूमी स्थल पर इस अवसर पर कार्य कर अपना योगदान दिया वह भी मानो गिनीज बुक रिकार्ड के महाकाल उज्जैन का नाम दर्ज होने के साक्षी और भागीदार बन गए। लाईट व्यवस्था के लिए उपस्थित मनोज बंसल, राहुल सोनी, रामकरण, चंदू वर्मा, मनोज व अन्य लोग ने इसे बाबा महाकाल का आर्शीवाद बताया।