बांसवाड़ा/राजस्थान।। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर राजस्थान के वकील गुस्से में हैं, विगत कई दिनों से वकीलों की जारी हड़ताल के बीच अदालतों का कामकाज जहा पूरी तरह से ठप हो चूका है वही आम लोगो के लिए रोजमर्रा में काम आने वाले स्टाम्प और नोटरी की सुविधा के लिए भी लोगो को भटकना पड़ रहा है। वही अब इस हड़ताल का खासा असर जयपुर से लेकर सुदूरवर्ती राजस्थान के दक्षिणी जिले बांसवाड़ा में भी देखने को मिल रहा है। वकीलों की राज्य स्तरीय यूनियन के मार्गदर्शन में आगामी आदेशों तक हड़ताल निरंतर जारी रहने की सूचना है। यानि जयपुर, जोधपुर समेत लगभग राजस्थान के सभी शहरों में कोर्ट में लंबित मुकदमों में फरियादियों को अब सिर्फ तारीखें ही मिलेंगी। वही जयपुर, जोधपुर समेत कई शहरों में बड़े प्रदर्शन की चेतावनी के चलते पुलिस का भारी बंदोबस्त भी किया गया है। वकीलों की एक ही मांग है और वह है सुरक्षा....। आज-अलग अलग शहरों में होने वाली बैठकों में आगे की रणनीति भी प्लान की जानी है।
राजस्थान के बांसवाड़ा में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर बीते कल मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के मार्फ़त ज्ञापन दिए जाने के बाद आज बार एसोसिएशन बांसवाड़ा द्वारा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में ही सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते हुए अशोक गहलोत सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में उपस्थित वकील "ॐ भूर भुवा स्वाहा तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि" का मंत्रोच्चारण करते नज़र आए, वकीलों का मानना है कि इस यज्ञ से गहलोत सरकार की बुद्धि सही होगी और तुरंत प्रभाव से वह अधिवक्ताओं के हित में इस एक्ट को लागू कर देंगे।
वही इस हड़ताल को सम्बोधित करते हुए बांसवाड़ा बार एसोसिएशन अध्यक्ष भगवत पूरी ने कहा कि सभी वकीलों को इस हड़ताल में अपना पूरा सहयोग देना होगा यह एक तरीके से पेन डाउन स्ट्राइक है, जिसमे जूनियर सीनियर कोई भी व्यक्ति वकालत से सम्बंधित कोई भी कार्य नहीं करेगे। वही एक अधिवक्ता राजीव जोशी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कुछ वकीलों द्वारा गोपनीय रूप से कोर्ट में काम करने को लेकर नामजद आपत्ति दर्ज करवाई, जिसे अध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए ऐसे लोगो की पहचान कर उनका मुँह काला करने की बात कही।
पूरी ने हड़ताल को लेकर कहा कि माना संघ को कुछ समय तक संघर्ष करना पड़ेगा लेकिन इसके आगामी परिणाम सुखद होंगे। अध्यक्ष ने जूनियर वकीलों को हो रहे आर्थिक नुकसान की भी भरपाई करने का भरोसा दिलाया जिससे मौके पर "वकील एकता ज़िंदाबाद" के नारे लगने लगे। पूरी ने कहा कि हड़ताल को रोकने को लेकर हाई कोर्ट के आदेश से भी वकीलों को डरने की ज़रूरत नहीं है, उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपना हक़ मांग रहे है, उनका कहना है इस एक्ट से सरकार को जब कोई आर्थिक हानि और नुकसान नहीं है तो सरकार इस एक्ट को लागु करने से पीछे क्यों हट रही है?
हड़ताल के दौरान मौके पर वरिष्ट अधिवक्ता शाहबाज़ खान पठान, कृष्णकांत उपाध्यय, अशोक मेहता, मनोज सिंह चौहान, सुशिल जैन, अजित सिंह चौहान, राहुल चंचावत, अभय जैन, हीरालाल राठोड, मनोहर पटेल, अशोक गाँधी, यशपाल गुप्ता, चंद्रेश जैन, प्रीतम सिंह राठौड़, आकाश पटेल, राजकुमार जैन, जयपाल सिंह डाबी, अरुण अड़िचवाल, गौरव उपाध्याय, जीतेन्द्र सिंह राव, हेमंत दोसी, गगन त्रिवेदी, राजेंद्र पटिदार, प्रवीण सिंह सोलंकी, राजेंद्र जैन, जीतेन्द्र जती, उदय सिंह राठौड़, शम्भू सिंह, नारायण, प्रभुलाल, पंकज बड़ोडिया सहित कई अधिवक्तागण एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर मौके पर तठस्थ होकर डटे रहे।
दरअसल राजस्थान में हाईकोर्ट, सैशन कोर्ट्स और अन्य छोटी कोर्ट के वकील हड़ताल पर हैं। मुद्दा है पिछले सप्ताह जोधपुर के वकील जुगराज चौहान की जघन्य हत्या का। बीच सड़क जुगराज की अनिल और मुकेश नाम के दो भाईयों ने चाकू से गोद कर है हत्या कर दी थी। हालाँकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया वही उन अभियुक्तों का कहना था कि खाने को घर में कुछ है नहीं, गिरफ्तार हो जाएंगे तो जेल में तो कुछ खाने को जरूर मिलेगा। पूरा विवाद सात सौ गज के एक भूखंड को लेकर होना बताया जा रहा है।
वकीलों ने कहा - जब तक मांग पूरी नहीं, तब तक काम शुरू नहीं
इस घटना के बाद से वकीलों ने फिर से वकील प्रोटेक्शन एक्ट की मांग शुरू कर दी है, जारी हड़ताल के बीच वकीलों का आक्रोश भी कम होता नज़र नहीं आ रहा है। अधिवक्ता संघ का का कहना है कि हर कोई वकीलों पर हाथ अजमा रहा हैं। वकील इंसान नहीं हैं क्या....? हम कई सालों से सरकार से वकीलों की सुरक्षा की मांग के लिए कानून मांग रहे हैं। सरकार ध्यान नहीं दे रही है। अब बड़ा आंदोलन होगा। उधर जोधपुर में भी चार पांच दिन से काम ठप्प है। जोधपुर के वकीलों का कहना है कि अभी जुगराज का नंबर आया कल किसी और का आ सकता है। वकीलों के प्रोटेक्शन की मांग है। साथ ही पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देना होगा सरकार को, अब यह आंदोलन और बड़ा करने की तैयारी है। उधर चार पांच दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के किसी भी प्रतिनिधी ने वकीलों से संवाद नहीं किया है।
(Report By : Bhupendra Singh Rathore)