बाबू सहित 29 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, करोड़ों के गबन का आरोपी गिरफ्तार
इंदौर/मध्य प्रदेश।। इंदौर कलेक्टर ऑफिस में पदस्थ अनुकंपा नियुक्ति पर लगे बाबू मिलाप चौहान से अब तक 5 करोड़ 67 लाख 96 हजार गबन का मामला पकड़ में आया है। जिसके बाद कलेक्टर ऑफिस में पदस्थ भ्रष्ट बाबू सहित 29 लोगों पर धोखाधड़ी और षड्यंत्र की धाराओं में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक बाबू ने 30 खातों में 5 करोड़ 60 लाख का गबन किया था। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
अपने अलग-अलग 30 खातों में ट्रांसफर कर लिया पैसा
दरअसल भ्रष्ट बाबू ने हितग्राहियों को दी जाने वाली राशि का भुगतान अपने अलग-अलग 30 खातों में ट्रांसफर कर लिया था। मामला सामने आने के बाद इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने जांच बिठाई थी। जांच में सामने आया कि हितग्राहियों को दी जाने वाली राशि को अपने खातों में कलेक्ट्रेट के एक अन्य बाबू और अपनी पत्नी सहित 30 खातों में ट्रांसफर करवा लिया था। जब साथी ने पूछा कि फंसेंगे तो नहीं। तब बाबू मिलाप चौहान ने कहा चिंता मत करो, कोई नहीं फंसेगा। सब को उनका हिस्सा देता हूं। कलेक्टर ने फ्यून अमित को निलंबित करने के आदेश दे दिए हैं। पुलिस ने 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
कई धाराओं में मामला किया गया दर्ज
भ्रष्ट बाबू लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर होने वाले पैसों की लिंक फेल कर अपने अलग-अलग 30 खातों में ट्रांसफर किए थे। इन पैसों को बाबू बड़े शहर मुंबई और गोवा जाकर खर्च करता था। बाबू ने इसी पैसे से अवैध संपत्ति भी अर्जित की है। उसने एक बड़ा फार्म हाउस, घर जमीन खरीदी है। रावजी बाजार पुलिस ने भ्रष्ट बाबू और पत्नी सहित 29 लोगों पर 420, 467, 468, 471, 120 बी की धाराओं में एफआई आर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। रावजी बाजार टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर के अनुसार आरोपी मिलाप सिंह चौहान, रंजीत सिंह, अमित, मनीषा चौहान, संतोषी भाई, राहुल चौहान, राकेश परिहार, पूजा परिहार समेत 29 लोगों के खिलाफनामजद एफ आई आर दर्ज की है। इन सभी के अकाउंट में भ्रष्टाचार का पैसा ट्रांसफर हुआ था जिसमें मुख्य आरोपी मिलाप चौहान को बनाया गया है।
गबन की राशि से खरीदा फार्महाउस
जांच अधिकारी एडीएम राजेश राठौर ने बताया कि 2020 से मिलाप चौहान लगातार गड़बड़ियां करता आ रहा था। जब उससे कहा गया कि सरकार का पैसा वह वापस कर दें अय्याशी बहुत हो गई। इस पर उसने फार्म हाउस और खेत बेचकर तीन करोड़ तो मैं लौटा दूंगा बाकी की बची हुई राशि दूसरे साथियों को बांट दी थी वह उनसे वसूल करें। फिलहाल जिला प्रशासन सरकारी पैसों से खरीदी गई संपत्ति का ब्यौरा निकालने में जुटी हुई है।