पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए मुख्यमंत्री को भेजे पत्र
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पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए मुख्यमंत्री को भेजे पत्र

वकीलों के बाद पत्रकार भी अपनी सुरक्षा के लिए जागे 
ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिलाई जन घोषणा पत्र की याद
  उदयपुर/राजस्थान।। राजस्थान में वकीलों की सुरक्षा का मुद्दा अभी थमा नहीं था कि पत्रकारों ने भी अब सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग करनी शुरू कर दी है। जी हां राजस्थान विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा कानून पारित करवाने के लिए जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) से जुड़े पत्रकारों सहित राज्य के कई पत्रकारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोशल मिडिया के मार्फ़त इस बाबत कई ट्वीट किए और रविवार को इस हेतु ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। 
  जार के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शर्मा व महामंत्री भाग सिंह ने बताया कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में चिकित्सकों व वकीलों के साथ पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून राजस्थान में लागू करने का वादा किया गया था। बतादे कि चिकित्सकों के लिए यह कानून बन गया है, वही वकीलों के लिए इस हेतु विधानसभा में बिल लाया जा रहा है। शर्मा के मुताबिक इसी बिल के साथ ही जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट भी विधानसभा में पारित करवाने की मांग को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत को आग्रह पत्र प्रेषित किया गया है।
  पत्र में अनुरोध किया गया है कि उक्त बिल के साथ ही जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट भी विधानसभा में पेश करके पत्रकार समाज को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाए। पत्रकार भी विकट परिस्थितियों में कार्य करते हैं और उन पर भी हमले होते रहते हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले इस समाज को भी संरक्षण की आवश्यकता है। फ़िलहाल ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को अपने संदेश भेजकर जन घोषणा पत्र में किए गए वादों की याद दिलाई और वकीलों के साथ ही पत्रकारों का बिल भी विधानसभा में पेश करने की मांग की है।
  जार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा व प्रदेश महामंत्री संजय सैनी ने बताया कि राज्य भर से पिछले तीन दिन के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत को ट्वीट भी किए गए हैं। ट्वीट में जनघोषणा पत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार आवास के वादे को याद दिलाया गया है।

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