पीड़ित ने लगाए पुलिस पर जातिगत अपमानित करने के बाद थाने से बाहर करने के आरोप
चित्तौड़गढ़/राजस्थान।। राजस्थान मे पुलिस विभाग के रोज़ नए कारनामे सामने आने लगे है, जहा पुलिस आये दिन कमज़ोरों पर जोर आजमाइश करती रहती है। वही सरकारी अधिकारियो, कर्मचारियों ओर पूंजीपतियों के संघठित अपराध में कोई परिवाद आने पर फरियादियों पर ही कई बार रॉब जमाते दिख जाएगी। जी हां राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ीसादड़ी उपखंड से पुलिस द्वारा एक दलित को प्रताड़ित करने और अवैध वसूली का मामला सामने आया है।
बता दें कि थाना पुलिस बड़ीसादड़ी द्वारा एक दलित व्यक्ति को थाने में रातभर बंद रखते हुए पहले तो उसके साथ मारपीट की गई फिर उसे छोड़ने के नाम पर उससे और उसकी मां से 50 हजार के साथ चांदी की चेन ले ली। वही इस मामले की जानकारी पीड़ित ने आज जिला पुलिस अधीक्षक को दी।
जानकारी के अनुसार केवल पुरा निवासी पीड़ित देवनारायण मेघवाल को बड़ीसादड़ी में ही चांदखेड़ा स्थित उसकी बहन के घर पीड़ित अपने केवलपुरा मकान का कार्य चलने पर रूपयों की आवश्यकता होने से 3 अप्रैल 2023 सायं 4 बजे 25 हजार रूपये उधार लेने गया था। वही जब देवनारायण अपनी बहन से चांदखेडी स्थित घर पर 25 हजार रूपये लेकर बैठा ही था कि तभी पुलिस थाना बडीसादडी के पुलिसकर्मी कल्लीराम बेल्ट नं. 832 और एक अन्य पुलिस कर्मी मौके पर आए और देवनारायण को जबरन पकड़ कर बडीसादडी पुलिस थाने ले आए।
पीड़ित देवनारायण की रिपोर्ट के अनुसार उसके गले में पहनी एक चांदी की चैन व उसकी बहन से उधार लिये 25 हजार रुपये पुलिस कर्मी कल्लीराम व उसके साथी ने उससे छिन लिये और उसके साथ पुरी रात भर पट्टे से मारपीट की गई और अगले दिन दोपहर में करीब 3 बजे जब प्रार्थी की मां नाराणी बाई थाने पर उसकी जांच करनें आई तो उन्हीं दोनों पुलिस कर्मीयों ने उसकी मां के साथ भी गाली गलौज की और 25 हजार रूपये अलग से प्रार्थी को छोड़ने के लिए ले लिए जबरन ले लिए।
फिर दोनों को बाहर निकालते हुए पीड़ित के साथ जातिगत गाली-गलोच कर जान से मारने की धमकी दी गई और इस बारें किसी को नहीं बताने का बोल जान से मारने की धमकी भी दी गई। पीड़ित का पुलिस अधीक्षक को दी गई रिपोर्ट अनुसार दोनो पुलिस कर्मीयों ने पीड़ित को बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर दो दिनों तक अवैध तरीके से थाने के लॉक-अप में रखा और मारपीट की और 25 हजार रूपये व एक चांदी की चैन छिनने के बाद उसे छोड़ने के नाम पर उसकी मां से अलग 25 हजार रूपयें ले लिये।
पीड़ित ने बताया कि उसके विरूद्ध कोई परिवाद व शिकायत थाने में नहीं थी और ना ही उसके विरूद्ध कोई प्रकरण ही दर्ज था। पीड़ित ने कहा की जब घटना की सूचना थाने से बाहर निकालने के बाद थानाधिकारी बडीसादडी को भी दी गई लेकिन उन्होंने भी घटना की रिपोर्ट लेने तक से इंकार कर दिया और उल्टा थाने से भगा दिया।
वही पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत से न्याय की गुहार लगाते हुए सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है तो वहीं पुलिस अधीक्षक द्वारा मामला जांच कर कार्रवाई करने के आदेश पारित कर दिए हैं।