सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े हत्या, देशभर में विरोध प्रदर्शन
हत्या की साजिश राजनैतिक बीजेपी नेताओं की मिलीभगत का भी आरोप
भारत बंद को बामसेफ का बड़ा समर्थन, कहा जब तक न्याय नहीं तब तक लड़ाई रहेगी जारी
2024 में मोदी को हराने के लिए क्या बीजेपी के नेताओं ने ही रची कोई बड़ी साज़िश
बांसवाड़ा/राजस्थान।। करणी सेना के अध्यक्ष की बेरहमी से की गई राजनीतिगत ओर सियासी हत्या के बाद से राजपूत समाज का गुस्सा अब चरम पर पहुंच गया है। हत्या से गुस्साया राजपूत समाज देशभर में सड़कों पर उतर आया है इतना ही नहीं इस रोष के बीच कई लोगो द्वारा बीजेपी सरकार ओर उसके केंद्रीय स्तर के मंत्रियों को राजपूतों की बीजेपी सरकार में लगातार हो रही हत्याओं का कसूरवार बताया जा रहा है।
गोगामेड़ी की हत्या का सबसे बड़ा सबूत बना ये वीडियो जो उन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले राजपूत युवाओं को एक होने का आह्वाहन करते हुए बनाया था, जिसमे वह राजपूत युवाओं को राजनैतिक दलों से सतर्क ओर एक रहने का आह्वाहन कर करते हुए यह कह रहे है कि राजपूत चाहे किसी भी पार्टी से खड़ा हुआ हो उसी को वोट दो उसी को जीताओं।
सामने आकर सोफे पर बैठे और उतार दी 12 गोलियां, CCTV फुटेज आया सामने
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उनके हत्याकांड से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें साफ दिख रहा है कि बदमाश पहले आराम से बैठकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से बात कर रहे थे, उन्ही के घर पर बैठकर चाय पीते है इसके बाद अचानक उन्होंने गोलियां चलाईं, जिससे सुखदेव सिंह की मौत हो जाती है।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या जयपुर में श्याम नगर जनपथ स्थित उनके घर पर की गई है। फिलहाल इस हत्याकांड की जिम्मेदारी राजस्थान के रोहित गोदारा गैंग ने ली है। वही राजस्थान में चर्चाओं का बाज़ार गर्म रहा जिसमे मोदी को 2024 का चुनाव हरवाने के लिए राजस्थान के ही कुछ बीजेपी नेताओं के कांग्रेस के साथ साजिशन गुप्त मिलीभगत कर इस जघन्य हत्या को अंजाम देने के भी कयास लगाए जा रहे है।
जानकारी मिली है कि कुल तीन हमलावर स्कूटी पर बैठकर वहां आए थे। उन्होंने कहा था कि उनको गोगामेड़ी से मिलना है, फिर वे कमरे में गए और करीब 10 मिनट बैठकर वहां बात की। इसके बाद ये गोलीकांड हुआ। गोलियां चलने के बाद गोगामेड़ी के गार्ड ने भी फायरिंग की। इस क्रॉस फायरिंग में एक हमलावर की भी मौत हो गई है, उसका नाम नवीन शेखावत बताया गया है।
वीडियो में क्या दिख रहा
हत्याकांड से जुड़े कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। पहले सीसीटीवी वीडियो में दिख रहा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी अपने घर पर सोफे पर बैठे हैं। उनके सामने तीन लोग बैठे थे, वहीं एक शख्स खड़ा था बातचीत के दौरान ही अचानक से सामने बैठे दोनों लोगों ने पिस्टल निकालकर फायरिंग कर दी।
हत्याकांड से जुड़ा दूसरा वीडियो भी सामने आया है। ये वीडियो उस घर के बाहर लगे कैमरे का है जहां हत्या हुई, इसमें दिख रहा है कि अंदर हुए गोलीकांड के बाद बाहर खड़े गार्ड सतर्क हो जाते हैं, लेकिन फिर गोली से बचने के लिए वे साइड हो जाते हैं। इस दौरान तीनों हत्यारे भागने लगते है। इस दौरान एक गार्ड को भी गोली लगती है, जिससे वह वहीं गिर जाता है, वहीं बाकी दो भाग जाते हैं।
गोली चला रहे दोनों लोगों ने गोगामेड़ी के साथ-साथ वहां मौजूद बाकी दो लोगों पर भी गोलियां चलाई थीं। लेकिन वीडियो देखकर साफ है कि उनका टारगेट मुख्य रूप से गोगामेड़ी ही थे। कुल एक दर्जन से ज्यादा गोलियां चली जिसमें ज्यादातर से गोगामेड़ी को निशाना बनाया गया।
खून का बदला खून गोली का बदला गोली
गोगामेड़ी की हत्या के बाद से देशभर के राजपूत बीजेपी सरकार के आते ही राजपूतों की लगातार हो रही हत्याओं से खासे क्रोधित है, ओर वे अब खून का बदला खून और गोली का बदला गोली की मांग कर रहे है। वही आक्रोशित राजपूत संगठनों ने उन सभी बीजेपी के जीते हुए राजपूत उम्मीदवारों को भी बीजेपी से तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र देकर किसी भी अन्य पार्टी को समर्थन देने की भी बात कही जा रही है।
रोहित गोदारा गैंग ने ली जिम्मेदारी
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी रोहित गोदारा गैंग ने ली है। ये गैंग लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है। रोहित गोदारा ने दुबई नंबर से कुछ महीने पहले गोगामेड़ी को धमकी भी दी थी। रोहित गोदारा कुखायत गैंगस्टर है जो फिलहाल भारत से फरार है। NIA उसकी जांच में लगी है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि गिनती के गिने चुने इन हत्यारों के सामने हमारे देश की सरकारों की ऐसी क्या मज़बूरी है कि ये हत्यारे सरेआम हत्या करते है ओर पुलिस प्रशासन सिर्फ मूकदर्शक बना रहता है।
गोदारा ने लिखा है, ‘सभी भाइयों को राम राम। मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़, आज यह जो हत्या हुई है इसकी पूरी जिम्मेदारी हम लेते हैं। ये हत्या हमने करवाई है। भाइयों में आपको बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिलकर उनका सहयोग कर रहा था। उनको मजबूत करने का काम कर रहा था। रही बात हमारे दुश्मनों की तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखे, उनसे भी जल्द मुलाकात होगी।
बांसवाड़ा जिले में भी दिखा बंद का असर
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेङी की गई हत्या का असर जहा देशभर सहित पुरे राजस्थान में दिखाई दे रहा है वही राजस्थान का सुदूरवर्ती जिले बांसवाड़ा में भी राजपूतों का आक्रोश सड़कों पर दिखा हर जगह बीजेपी सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखी।
इस जघन्य हत्याकांड के विरोध में कई लोगो का कहना है कि इस घटना के पीछे हो ना हो बीजेपी सरकार के कुछ मंत्रियों का हाथ होने की बात कही जा रही है, हत्या को सियासी और राजनैतिक एंगल से देखा जा रहा है। आक्रोशित लोगो का कहना है कि बीजेपी सरकार के आते ही राजपूतों की हत्या शुरू हो जाती है, जो लोग राजपूतों सहित 36 कौमों की एकता के लिए काम करते है, उनकी टारगेट किलिंग कर दी जाती है।
घटना से क्रोधित लोगो का कहना है कि बीजेपी सरकार में ही अब तक कई राजपूतों की हत्या साजिशन कर दी गई जिनमे वीरेंद्र सिंह न्यांगली, चैन सिंह, टीकम सिंह, आनंद पाल सिंह और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी सहित कई नाम प्रमुख बताये जा रहे है। कई लोगो ने इसमें सीधे-सीधे बीजेपी सरकार का हाथ बताया है, ओर 2024 के चुनावों में मोदी सरकार के लिए एक बड़ा खतरा बताया है।
कुशलगढ़ में भी दिखा विरोध प्रदर्शन
कुशलगढ करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोगामेङी की हत्या का मोहकमपुरा, बङीसरवा, पाटन तथा कुशलगढ सहित बांसवाडा जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी विरोध प्रदर्शन दिखा जिसमे बाजार पूरी तरह से बंद रहे। राजस्थान के बांसवाडा जिले के कुशलगढ सहित खेङा धरती घाटा की बङीसररवा, पाटन, छोटीसरवा तथा मोहकमपुरा मे करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिह गोगामेङी की साजिशन की गई हत्या का पुरजोर विरोध दर्ज किया गया। वही घटना के विरोध में मोहकमपुरा करणी सेना, बामसेफ व सभी व्यापारी वर्ग ने मोहकमपुरा गांव बंद रखा तथा गोगामेङी को भावभिनी पुष्पांजलि अर्पित की व हत्याकांड की निंदा की। इस अवसर पर करणी सेना वामसेफ तथा सभी समाज जन व्यापारी वर्ग ने बंद को पूरी तरह से समर्थन दिया।
घटना का वसुंधरा से क्यों जोड़ा जा रहा है कनेक्शन
राजपूतों का कहना है कि वसुंधरा के मुख्यमंत्री बनने का संकेत मिलते ही वसुंधरा के बेहद करीबी भाजपा के भादरा विधायक संजीव बेनीवाल ने बिश्नोई गैंग के शूटरो को हायर कर सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या करवाई। हत्याकांड की टाइमिंग बहुत सोच समझ कर चुनी गई जिससे हत्या का दोष कांग्रेस सरकार पर जाए।
सुखदेव सिंह भादरा के जाट नेताओ का सबसे बड़ा दुश्मन था। सुखदेव सिंह के कारण जाट बहुल भादरा और गोगामेडी में जाट विधायकों की गुंडागर्दी नहीं चल पाती थी। सुखदेव सिंह वसुंधरा के भी घोर विरोधी थे और आनंदपाल हत्याकांड में विरोध प्रदर्शन को लीड करने के समय से वसुंधरा सुखदेव से नफरत करती थी।
वसुंधरा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय भाजपा नेतृत्व ने उपराष्ट्रपति और राजस्थान से लेकर पश्चिम यूपी तक के जाट नेताओं की लॉबिंग के कारण लिया है। जाट नेताओं ने मूर्ख भाजपा नेतृत्व को एक बार फिर जाट वोट बैंक के नाम पर मूर्ख बनाया जबकि 8% जाट वोटबैंक मे से मात्र एक तिहाई ने भाजपा को वोट किया जहाँ भाजपा से जाट उम्मीदवार था।
15% राजपूत वोटबैंक द्वारा भाजपा को एकतरफा वोट करने के बावजूद भाजपा के राजपूत नेता इस मामले मे उदासीन रहे. भाजपा के कुल वोट मे राजपूत वोट का एक तिहाई योगदान होने के बावजूद भाजपा नेतृत्व को अपने समाज के योगदान और विचारो से अवगत कराने मे नाकाम रहे।
राजपूत समाज इतना उदासीन है कि बहुसंख्यक समाज वसुंधरा को अब भी राजपूत नेता मानता है जबकि वसुंधरा के पिछले दोनों कार्यकाल मे राजपूतो को राजनितिक आर्थिक और सामाजिक रूप से ख़त्म करने मे कोई कसर नहीं छोड़ी। वसुंधरा ने RPSC से लेकर प्रशासन तक को घनघोर राजपूत विरोधियो से भर दिया था।
वसुंधरा के मुख्यमंत्री बनने से राजपूत मुख्यमंत्री का टैग भी रहेगा और एक बार फिर से खुलकर जाटवाद किया जा सकेगा। अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि सुखदेव सिंह कि हत्या सिर्फ ट्रेलर है, अगले 5 साल मे एक एक कर कई राजपूत नेताओं को निपटाने कि तैयारी है। इसलिए राजपूत संगठनो की अब संजीव बेनीवाल कि गिरफ़्तारी, शूटरो का एनकाउंटर और वसुंधरा पर मुकदमा आदि की कई मांगे भी सामने आ रही है।