Latest News Today: Breaking Digital News in Hindi and English News Today: Your Daily Source for Time-Sensitive Updates Real-Time News Today: Hindi and English Updates at Your Fingertips संघर्षशील जीवन से मुख्यमंत्री तक का सफर
Headline News
Loading...

Ads Area

संघर्षशील जीवन से मुख्यमंत्री तक का सफर

एक छोटा सा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बन सकता है, यह केवल भाजपा में ही संभव – विष्णुदेव साय
    रायपुर/छत्तीसगढ़।। नवनियुक्त मुख्यमंत्री श्री साय ने ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि कैसे एक छोटा-सा कार्यकर्ता प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता है, यह केवल भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के विकास एवं राज्य की जनता के बेहतर भविष्य के लिए भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता ने कठोर परिश्रम किया है और जनता ने उस परिश्रम का आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि हम संपूर्ण समर्पण के साथ कार्य करेंगे ताकि छत्तीसगढ़ राज्य देश के बड़े और विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो सके। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जनसंघ की विरासत अपने दादा स्वर्गीय श्री बुधनाथ साय से मिली। उनके दादा स्वतंत्रता के पश्चात सन् 1947 से 1952 तक तत्कालीन सीपी एंड बरार विधानसभा में मनोनीत विधायक भी रहे। श्री साय का परिवार शुरू से ही जनसंघ से जुड़ा रहा। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद साय वर्ष 1977-79 तक जनता पार्टी सरकार में संचार राज्य मंत्री रहे। 
 vishnu
  जिला मुख्यालय जशपुर से 57 किलोमीटर दूर छोटे से आदिवासी बहुल गांव बगिया के निवासी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय किसान परिवार से आते हैं। बगिया की प्राथमिक शाला में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने कुनकुरी के लोयोला मिशनरी स्कूल में एडमिशन लिया। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह अंबिकापुर गए। जब वह प्रथम वर्ष में थे, तभी उनके पिता श्री रामप्रसाद साय का निधन हो गया। घर परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए वह पढ़ाई छोड़कर गांव वापस आ गए। बगिया में मैनी नदी के तट पर साय परिवार का आवास है। श्री विष्णु देव साय मंत्री, सांसद, विधायक रहे लेकिन वह अपने पैतृक गांव को नहीं छोड़ा। अपने दो भाईयों को पढ़ाकर-लिखाकर उन्होंने काबिल बनाया। उनके एक भाई श्री जयप्रकाश साय भारत हैवी इलेक्ट्रिकल में इंजीनियर हैं। एक भाई श्री ओमप्रकाश साय सरपंच थे। अभी चार माह पूर्व ही उनका असामयिक निधन हुआ।
  श्री साय की मां श्रीमती जसमनी देवी ने कहा मेरे बेटे बाबू (विष्णु देव का निकनेम) ने सबसे पहले परिवार की सेवा की, फिर गांव की सेवा की, विधायक, सांसद, मंत्री रहकर क्षेत्र की सेवा की, अब मुख्यमंत्री बनकर राज्य की सेवा करेगा। भावुक होकर उन्होंने कहा कि आज ओमप्रकाश रहता, तो यह खुशी दोगुनी हो जाती।
  श्री विष्णु देव साय पढ़ाई के लिए किए गए अपने संघर्ष को अक्सर याद करते हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में स्कूलों के विकास पर सदैव ध्यान दिया। अपने गांव में जिस सरकारी स्कूल में उन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई की थी वह अब हाईस्कूल बन गया है।
 उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा पर भरोसा करते हुए छत्तीसगढ़ का भविष्य बनाने का जिम्मा सौंपा है और छत्तीसगढ़ राज्य की समृध्दि के लिए भाजपा कार्यकर्ता मिलकर कार्य करेंगे।

  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कमल खिलाने में आप सभी कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में पहली बार भाजपा ने इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज कर प्रदेश में सरकार बनाई है। इसमें प्रदेश के हर एक कार्यकर्ता ने 54 सीटों पर कमल खिलाने के लिए लगातार मेहनत की है। आप सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई। जनता ने हमें पूर्ण बहुमत का आशीर्वाद देकर छत्तीसगढ़ को विकास की धारा से जोड़ने का जो दायित्व प्रदान किया है हम उसे ईमानदारी से पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि भय और आतंक से मुक्त कराने के लिए, छत्तीसगढ़ राज्य के समग्र विकास और जनता  की बेहतरी के लिए हमें जनादेश मिला है।
खेती-बाड़ी में रुचि रखते हैं सीएम
  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय खेती किसानी में बहुत रुचि रखते हैं। नदी के तट पर अपने घर में वह सब्जियां उगाते हैं। कोरोना काल में वह गांव में सब्जी उगाते रहे और अन्य किसानों को भी प्रेरित करते रहे। उन्होंने मैनी नदी पर पुल बनवाया। नदी की रेत में खीरा, ककड़ी, मूंगफली आदि की खेती के लिए गांव के किसानों को प्रेरित किया। उनके प्रयासों से गांव में कृषि के क्षेत्र में उन्नति हुई है।
जड़ी-बूटियों का है ज्ञान
  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जंगली जड़ी-बूटियों के अच्छे जानकार हैं। वह पथरी की अचूक दवा देते हैं। उनके कई लाभार्थी उनकी दवा की प्रशंसा करते हैं। श्री साय ने जनजाति समाज के विकास के लिए काम किया। कंवरधाम के विकास का श्रेय उन्हें दिया जाता है। जनजाति समाज के आयोजनों में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या अग्रणी भूमिका में रहती हैं। श्री साय की दो पुत्रियों में से बड़ी बेटी निवृत्ति की शादी धमतरी में हुई है। दूसरी पुत्री स्मृति अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उनके पुत्र तोशेंद्र ने पत्रकारिता व लिट्रेचर की पढ़ाई की है और वर्तमान में रायपुर में फिटनेस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं।

Post a Comment

0 Comments