केंद्रीय मंत्री और बिहार के युवा नेता चिराग पासवान के परिवार में इन दिनोंं संपत्ति का विवाद चल रहा है। ये विवाद उनके चाचा पशुपति पारस और खगड़िया के शहरबन्नी में रह रहीं उनकी बड़ी मां के बीच है।
विवाद के बाद उनकी बड़ी मां की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद शनिवार को चिराग पासवान खगड़िया के शहरबन्नी पहुंचे और अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी से मुलाकात की और उन्हें गले लगा कर ढाढस बंधाया कि आपका बेटा आपके साथ है।
चिराग ने बड़ी मां के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनका आशीर्वाद भी लिया। मां राजकुमारी देवी से मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से परिवार के कुछ सदस्य, जो उम्र और अनुभव में मुझसे काफी बड़े हैं, आर्थिक महत्वाकांक्षा के कारण मेरी बड़ी मां को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में सभी को करारा जवाब मिलेगा.
चिराग पासवान ने कहा कि उनके चाचा परिवार के बड़े सदस्य हैं, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण वे पार्टी से बाहर हो गए हैं। उनके परिवार के सदस्यों और उनकी चाची ने उनकी मां के साथ दुर्व्यवहार किया है। चिराग पासवान ने कहा है कि अगर चाचा-चाची बंटवारा चाहते हैं तो बात बहुत आगे तक जाएगी। यह सही है कि बंटवारा होकर रहेगा। इसके लिए चाचा को अपनी उस संपत्ति का जिक्र करना होगा, जिसे उन्होंने सभी से छिपाकर रखा है।
दरअसल चिराग की बड़ी मां और दिवंगत रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी का आरोप है कि उनके कमरों में ताला लगा हुआ है। उन्होंने कहा है कि उनके पति के दो भाइयों पशुपति कुमार पारस और रामचंद्र पासवान की पत्नी ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। उन्होंने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पत्नी और रामचंद्र पासवान की पत्नी ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर उन्हें घर से निकालने की साजिश रची और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
29 मार्च की शाम उनकी दोनों गोतनी अपने लोगों के साथ घर पर आईं। 30 मार्च को अचानक वे उनके कमरे में घुस आईं और उनके कपड़े, गहने, बिस्तर बाहर फेंक दिए। उन्होंने बेडरूम और बाथरूम में ताला लगा दिया। विवाद के बाद राजकुमारी देवी की तबीयत खराब हो गई, इसके बाद चिराग ने उनसे गांव जाकर मुलाकात की।